Movie Review: रूह कंपा देगी Bastar : The Naxal Story, नक्सल और माओवादियों पर भारी पड़ीं IPS नीरजा माधवन

punjabkesari.in Friday, Mar 15, 2024 - 10:07 AM (IST)

फिल्म- बस्तर द नक्सल स्टोरी (Bastar: The Naxal Story)
निर्देशक- सुदीप्तो सेन (Sudipto Sen)
स्टारकास्ट- अदा शर्मा (Adah Sharma),इंदिरा तिवारी (Indira Tiwari), विजय कृष्णा (Vijay Krishna),यशपाल शर्मा (Yashpal Sharma), राइमा सेन (Raima Sen), शिल्पा शुक्ला (Shilpa Shukla)
रेटिंग- 3.5

Bastar: The Naxal Story- 'द केरल स्टोरी' से धर्म परिवर्तन की मार्मिक हकीकत उजागर करने के बाद विपुल अमृतलाल शाह और सुदीप्तो सेन की जोड़ी ‘बस्तरः द नक्सल स्टोरी’ लेकर हाजिर है। यह फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है, जो रोंगटे खड़े कर देने वाली दर्दनाक और घिनौनी सच्चाई को उजागर करती है। 'द केरल स्टोरी' में अपनी दमदार अदाकारी से सभी का दिल जीतने वाली अदा शर्मा एक बार फिर इस फिल्म में अहम रोल निभा रही हैं। सनशाइन पिक्चर्स के बैनर तले बनी ये फिल्म 15 मार्च 2024 यानी कि आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। 

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कहानी 
छत्तीसगढ़ में माओवादियों और पुलिस के बीच संघर्ष के स्थिति जारी है लेकिन फिर भी यहां रहने वाले लोगों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां के गांवों में प्रशासन से ज्यादा माओवादियों का कब्जा है। हालात यह है कि अपने ही देश में तिरंगा फहराने और राष्ट्र गान गाने पर एक व्यक्ति को उसी की पत्नी और बच्ची के सामने कुल्हाड़ी से 36 टुकड़ों में काट दिया जाता है। साथ ही उस मां से उसका इकलौता बेटा छीन कर नक्सल में भर्ती कर लिया जाता है। इन हालातों को बदलने के लिए बस्तर की आईजी नीरजा माधवन दिन रात लगी हुई हैं, लेकिन परिस्थितियां उलटा उन्ही के विपरीत हो रही हैं। बस्तर में सड़क, शिक्षा, स्कूल और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है।

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छत्तीसगढ़ में जगह-जगह माओसिस्ट के कैंप बने हुए हैं, जहां वो गांव से लाए गए छोटे बच्चों को नक्सल बनने की ट्रेनिंग देते हैं। ऐसा नहीं है कि माओवादी ये सिर्फ अकेले अपने दम पर कर रहे हैं, उनके साथ देश के नामी लोग जुड़े हुए हैं। विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से लेकर राजनीतिक नेता इस पूरी हकीकत से वाकिफ हैं, लेकिन फिर भी वो माओसिस्ट को शरण दिए हुए हैं। यह दीमक बनकर सिस्टम को दिन रात खोखला कर रहे हैं। उधर नीरजा माधवन भी नक्सलवादियों के टारगेट पर लागातर बनीं हुई हैं। क्या नीरजा बस्तर के हालातों को बदल पाएगी? या फिर बस्तर में इसी तरह नक्सलवादियों का मौत का खेल चलता रहेगा? ऐसे तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी होगी।  

 

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एक्टिंग
'द केरल स्टोरी' के बाद अदा शर्मा ने फिर उतना ही मजबूत किरदार बस्तर में निभाया है। आईपीएस ऑफिसर नीरजा माधवन के रूप में वह नक्सल को खुली चुनौती देती हैं। एक्ट्रेस ने साबित कर दिया कि परिस्थितियां चाहे कैसी भी हो, अगर आप हिम्मत नहीं हारते तो सबकुछ मुमकिन है। अदा की एक्टिंग की जितनी तारीफ की जाए कम है। वहीं इंदिरा तिवारी और विजय कृष्णा का काम भी शानदार है। उनकी मेहनत स्क्रीन पर साफ झलकती है। राइमा सेन और शिल्पा शुक्ला ने भी अपने किरदार के मुताबिक बढ़िया काम किया है। 

 

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डायरेक्शन
बस्तर का डायरेक्शन सुदीप्तो सेन ने किया है। उन्होंने बस्तर की हकीकत को ज्यों के त्यों तथ्यों के साथ फिल्म में दिखाया है। फिल्म में कुछ सीन इतने हिंसक हैं कि आपसे देखें नहीं जाएंगे और सिर्फ आवाज सुनकर ही आपके अंदर की रूह कांप जाएगी। बस्तर के हालातों को उन्होंने जमीनी तौर पर फिल्म में दिखाया है। चाहे वो राजनेताओं और विश्वविद्यालय के शिक्षित लोगों का नक्सलियों को सपोर्ट करना हो या माओवादियों का मौत का खूनी खेल खेलना। बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ फिल्म के डायलॉग बेहद शानदार हैं, जो आपके रोंगटे खड़े कर देंगे। कुल मिलाकर कहें तो यह फिल्म बस्तर के हालात खुलकर सामने लाती है, जिसे आपको जरूर देखना चाहिए। 


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Content Editor

Varsha Yadav

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