मर्चेंट नेवी  में करियर बना कर सकते हैं अपना भविष्य सुरक्षित

punjabkesari.in Wednesday, Jan 18, 2017 - 06:06 PM (IST)

नई दिल्ली : वैसे तो किसी भी राष्ट्र में तीन प्रकार की सेनाएं होती हैं। थल सेना याने जो सीधे-सीधे युद्ध में दुश्मन से दो-दो हाथ करती हैं। जल सेना याने नेवी। यह भी हमारी सागरीय सीमा की रखवाली में चौबीसों घंटे तैनात रहती है। वायुसेना यह थल और जल को छोडक़र आकाश में कर्तब दिखाती है और शत्रु पर सीधे हवाई आक्रमण करती है। राष्ट्र की इन तीनों सेनाओं में सेवा का अवसर मिलना, सम्मान मिलना और देशभक्ति का परिचायक भी माना जाता है। परन्तु मर्चेन्ट नेवी इनसे हटकर है। इसका दृष्टिकोण व्यवसायिक होता है। जोखिम इस मर्चेट नेवी में भी कम नहीं होती। इसका भी सीधा संबंध समुद्र में व्यापारियों का माल एक दिशा से दूसरी दिशा को सही सलामत पहुंचाना होता है।

युवाओं के लिए मर्चेंट नेवी में जाब करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। कोई भी युवा यदि आत्मविश्वास से परिपूर्ण है और किसी भी खतरे का सामना करने को तैयार है तो उसे मर्चेट नेवी में अवश्य अपना कॅरियर बनाना चाहिए। इस क्षेत्र में पद, पैसा और नाम तीनों का भरपूर अवसर युवा उठा सकते हैं। मर्चेंट नेवी याने भिन्न-भिन्न देशों के व्यवसायिक क्षेत्र के उत्पादन को यथा स्थान पहुंचाना होता है। ये जहाज समुद्र में व्यापार के लिए उपयोग में लाए जाते हैं इसलिए इसे मर्चेंट नेवी कहा जाता है। कभी माल के साथ-साथ मानव को भी यह नेवी लाने ले जाने का काम भी करती है। जिस तरह सह हमारा देश भारत व्यापार के क्षेत्र में अग्रसर हो रहा है उसे ध्यान में रखते हुए वह दिन दूर नहीं, जब भारत में भी इन सेवाओं की शुरूआत होने लगेगी। यदि किसी ने नेवीगेशन का अभ्यासक्रम पूर्ण किया है तो उसके लिए मर्चेट नेवी में सम्मान और पैसा दोनों ही हाजिर हैं।

मर्चेंट नेवी ही क्यों चुने ? 
सच्चाई तो इस बात की है कि भारत में बहुत से छात्रों को मर्चेंट नेवी की विशेषताओं के बारे में अधिक जानकारी ही नहीं है अत: आज हम आपको मर्चेंट नेवी में कैरियर बनाने की महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। मर्चेंट नेवी की पढ़ाई इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई की तरह नहीं हैए क्योंकि इसमें केवल टॉपर्स की ही आवश्यकता नहीं होती है। वह छात्र जो पढऩे में मध्यम या औसत है वे आसानी से मर्चेंट नेवी ज्वाईन कर सकते हैं।

इसमें न्यूनतम अंक की कोई अनिवार्यता नहीं है
कोर्स की अवधि सबसे कम है (मात्र छ: माह) यानी कि जहाँ इंजीनियरिंग या मेडिकल की डिग्री या डिप्लोमा करने में आपको 03 से 05 वर्ष लगते हैंए वहीं मर्चेंट नेवी का प्रशिक्षण आप ड्डमात्र 06 माह में पूरा कर लेते हैं।

यह एक मात्र ऐसा करियर है जिसमें हाईस्कूल/इण्टर पास छात्र भी मात्र 06 माह बाद से ही रुपये 14,000 से 20,000 प्रतिमाह पाने लगते हैं ( रहना खाना फ्री)। पूरे भारत में और अन्य किसी भी कैरियर में यह अवसर नहीं है। कैरियर आपका है भविष्य आपका है आप स्वयं सोच सकते हैं कि मर्चेंट नेवी को अपना कर, इतनी कम उम्र में ही आप जीवन की बुलंदियों को छूना चाहते हैं अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहते हैं अथवा अन्य कोई डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करके भारतवर्ष के करोड़ों बेरोजगारों में शामिल होना चाहते हैं।

योग्यता 
जो युवा इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं उनके समक्ष दो पर्याय हैं। पहला- सागरीय अभियांत्रिकी शाखा से उपाधि प्राप्त करना याने बीएससी की डिग्री हासिल करना या फिर प्योर नेवीगेशन का कोर्स पूर्ण करना होता है। इस तरह मर्चेट नेवी में जाना है तो 12वीं के बाद सागरी कोर्स करना आवश्यक है। जब युवा 12वीं कक्षा में प्रवेश करता है और यदि उसका मन आगे चलकर मर्चेट नेवी में सेवाएं प्रदान करने का है तो उसे 12वीं कक्षा में फिजिक्स (भौतिकी), केमिस्ट्री (रसायन) और मैथामेटिक्स (गणित) इन तीनों विषयों को लेना अनिवार्य होता है। इन विषयों के साथ जो युवा 12वीं की परीक्षा में दाखिल हुआ है और यदि उसका परीक्षा परिणाम आने का है तो भी वह इस मर्चेट नेवी में 'डेक कैडेट' के नाम से अपनी सेवाएं दे सकता है।

कोर्सेस 
मर्चेट नेवी में नौकरी पाने के लिए जिस अभ्यासक्रम (कोर्स) को अनिवार्य किया गया है उस अभ्यासक्रम का प्रशिक्षण निम्न संख्याएं प्रदान करती है:-
1. एक्वाटिक इंस्टीट्यूट फॉर मरीनटाइम स्टडी नई दिल्ली (भारत)
2. इंस्टीट्यूट ऑफ मरीनटाइम स्टडी गोवा। ये दोनों ही प्रतिष्ठान इस अभ्यासक्रम की उपाधि प्रदान करते हैं।

12वीं की परीक्षा पूर्ण कर लेने पर युवाओं को 'डेक कैडेट' के नाम से तुंरत सेवा में रख लिया जाता है। ऐसे युवाओं को नेवीगेटिंग आफिसर या नवसंचालक के पद से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है जिसकी अवधि 3 वर्षों की होती है। जब युवा यह प्रशिक्षण प्राप्त कर लेता है तब उसे भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा दक्षता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। इस क्षेत्र में युवाओं को यदि अपना कॅरियर बनाना है तो शारीरिक और मानसिक दृष्टि से सबल होना होता है।

संभावनाएं 
मर्चेंट नेवी/मैरिन इंजीनियरिंग या शिप बिल्डिंग में संभावनाओं की बात करें तो प्रमुख रूप से शिपयार्ड, जहाज, मालवाहक जहाज और मर्चेंट नेवी में जॉब तलाश सकते हैं। हिन्दुस्तान के अलावा इस फील्ड में विदेशों में खासी डिमांड है। एक शिप बिल्डिंग या मरीन इंजीनियर के ऊपर जहाज के इंजन के रखरखाव की जिम्मेदारी होती है। मरीन इंजीनियर के तौर पर अच्छी सैलरी के साथ करियर की काफी संभावनाएं हैं और बेहतर प्रदर्शन करने पर प्रमोशन के भी अच्छे अवसर मिलते हैं। लिहाजा करियर के लिहाज से ये क्षेत्र काफी आकर्षक है। एक रिसर्च के मुताबिक इसमें कोर्स के बाद करियर का ग्राफ बहुत ही शानदार तरीके से आगे बढ़ता है। उदाहरण के तौर पर बताएं तो सिर्फ उच्च स्तर पर इस कोर्स के बाद छात्र असिस्टेंट मैनेजर/ इंटर्न/शॉप फ्लोर एक्जीक्यूटिव के रूप में नियुक्त हो सकते हैं। तीन साल के अनुभव के बाद डिप्टी मैनेजर तक बन सकते हैं।

स्वास्थ्य परीक्षा के दौरान यदि अभ्यर्थी यानी इंजीनियर्स को 2.5 का चश्मा हो तो चल सकता है परन्तु यदि उसे रताैंधी दोष है तो वह अनफिट माना जाता है। इस मर्चेन्ट नेवी का प्रशिक्षण, मुंबई की एक महत्वपूर्ण संस्था ट्रेनिंगशिप 'चाणक्य' जिसमें समुद्री विज्ञान का तीन वर्ष का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। दूसरा- समुद्री अभियांत्रिकी संशोधन संस्थान कोलकाता जो मरीन इंजीनियरिंग से संबंधित चार वर्ष का प्रशिक्षण प्रदान करता है। इन दोनों ही संस्थानों द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का परीक्षण भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा आयोजित संयुक्त परीक्षा में किया जाता है। यदि युवा इन सब मंजिलों को पार कर लेता है तो उसे 'मर्चेंट नेवी' में अपार संभावनाएं हैं।

प्रमुख संस्थान 
इंडियन मेरीटाइम यूनिवर्सिटी, चेनै
हिन्द इंस्टीट्यूट ऑफ नॉटिकल साइंस एंड इंजीनियरिंग, सिकंदराराव, उत्तरप्रदेश
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पोर्ट मैनेजमेंट, कोलकाता
तुलानी मेरिटाइम इंस्टीट्यूट, पुणे
आरएल इंस्टीट्यूट ऑफ नॉटिकल साइंसेंज, मदुरै
कोचीन पोर्ट ट्रस्ट, कोचिन


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