स्थायी समिति की बैठक में उठा मिड-डे मील घोटाला

Thursday, Jul 26, 2018 - 10:30 AM (IST)

नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम में स्थायी समिति की बैठक में बुधवार को मिड डे मील में होने वाले घोटाले की चर्चा तेज रही। अधिकारियों के मुताबिक, रोजाना 3 लाख छात्र-छात्राओं को मिड डे मील दिया जाता है, जबकि रिकॉर्ड के अनुसार स्कूलों में कुल 2,78,681 बच्चे ही पढ़ते हैं। साफ है कि हजारों छात्र-छात्राओं के मिड डे मील का खर्च भ्रष्टाचार में जा रहा है।

कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने बैठक में इस तरह के आरोप मीटिंग में लगाए। उन्होंने मील की वितरण व्यवस्था और गुणवत्ता को भी कठघरे में खड़ा किया। बैठक में उपस्थित शिक्षा विभाग के अधिकारी मुकेश गोयल के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। गोयल ने मील की गुणवत्ता में कमी और सैंपल जांच में गड़बड़ी को भी निशाने पर लिया।


2017-18 में कई स्कूलों और रसोइयों से मिड-डे मील के कुल 371 सैंपल निगम की अधिकृत प्रयोगशालाओं में भेजे गए, उनमें से 37 फेल हो गए। भोजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन व कैलोरी की मात्रा कम पाई गई। बता दें कि भोजन के नमूनों की जांच के लिए निगम ने 8 प्रयोगशालएं निर्धारित की हैं। नियमानुसार चावल पर आधारित 250 ग्राम भोजन और गेहूं पर आधारित 200 ग्राम भोजन में 450 कैलोरी व 12 ग्राम प्रोटीन होना चाहिए। 2018-19 का शैक्षणिक सत्र शुरू हुए 4 महीने हो गए, लेकिन छात्रों को पुस्तकें और कॉपिया नहीं मिली हैं। 

pooja

Advertising