बच्चियों को बंधक बनाने के वीडियो ने मचाया हंगामा, तिवारी ने बताया बेहद गंभीर मामला

Thursday, Jul 12, 2018 - 11:07 AM (IST)

नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली स्थित राबिया गल्र्स पब्लिक स्कूल में 49 बच्चियों को बेसमेंट में बंधक बनाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हंगामा मचा हुआ है।  वीडियो देखने के बाद लोग सोशल साइट पर कमेंट करते हुए स्कूल बंद करने की मांग कर रहे हैं। इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय पुलिस बुधवार सुबह स्कूल का मुआयना करने पहुंची। जहां घटनाक्रम के दौरान मौजूद पूरे स्टाफ की लिस्ट तैयार की गई,जबकि सीसीटीवी फुटेज को चेक कर तीन डीवीआर को अपने कब्जे में लिया। जांच टीम ने स्कूल स्टाफ के तीन लोगों का मोबाइल भी कब्जे में लिया, जिसमें बंधक बच्चियों की वीडियो बनाई गई थी। हालांकि,पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। जानकारी के अनुसार, बुधवार सुबह करीब 7 बजे स्कूल के बाहर छात्र-छात्रों के आने-जाने का सिलसिला लगा हुआ था। लेकिन छोटी कक्षाओं में पढऩे वाले बच्चों के पेरेंट्स ने उन्हें स्कूल नहीं भेजा।

 

इधर मामला बच्चियों से जुड़ा होने की वजह से एसीपी अमित कौशिक,एसएचओ हौजकाजी सहित अन्य पुलिसकर्मी स्कूल पहुंचे। यहां टीम ने एक-एक कर पूरे स्टाफ की लिस्ट बनाकर उन्हें पूछताछ के लिए अगले दिन थाने में बुलाया। इस दौरान टीम ने 25 ऐसे स्टाफ की लिस्ट बनाई जो घटनाक्रम के वक्त स्कूल में मौजूद थे,जबकि एक सीसीटीवी फुटेज भी मिला। इसमें तीन क्लास टीचर लगभग 49 बच्चियों को सुबह करीब 8 बजे एक कमरे में ले जाते हुए दिखाई दे रही है, जहां करीब 5 घंटे तक उन्हें भूखा-प्यासा बंद रखा गया। पुलिस की मानें तो स्टाफ से शुरुआती पूछताछ में पता चला कि फीस न चुकाने पर स्कूल की एचएम (हेड मिस्ट्रेस) फरह दीबा खान के कहने पर इन बच्चियों को स्कूल के बेसमेंट में बंद किया गया था।

 

स्कूली बच्चों को कैद करना बेहद गंभीर : तिवारी
प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इस बात पर गहरा दुख व्यक्त किया है कि बल्लीमारान स्थित राबिया स्कूल ने फीस जमा नहीं कराने की बात पर कुछ मासूम बच्चों को बेसमेंट में कैद कर दिया। वह स्कूल परिसर पहुंचे, जहां प्रदर्शन कर रहे कुछ अभिभावकों से भी मुलाकात कर बातचीत की। तिवारी ने कहा कि यह बेहद दुखद घटना है कि फीस भरने में देरी होने के कारण कुछ बच्चों को कैद कर लिया गया। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत गंभीर इसलिए भी है क्योंकि यह स्कूल दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के मंत्री इमरान हुसैन के कार्यालय व निवास से कुछ ही दूरी पर है और यह संभव नहीं है कि यह घटना उनकी जानकारी में नहीं आई हो। दिल्ली की जनता मंत्री इमरान हुसैन से जानना चाहती है कि मीडिया के माध्यम से इस खबर के सार्वजनिक होने से पहले उन्होंने छात्रों के कैद किए जाने की इस घटना के संदर्भ में क्या कदम उठाए थे? 

pooja

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