आॅनलाइन अर्निंग  के लिए अपनाएं यह तरीके

Thursday, Mar 23, 2017 - 02:46 PM (IST)

नई दिल्ली : आज के दौर में आॅनलाइन अर्निंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। आप भी अपने पीसी या लैपटॉप के सामने बैठकर और इंटरनेट से जुड़कर कुछ बेहतर कमाना चाहते हैं, तो आॅनलाइन-अर्निंग एक बेस्ट आॅप्शन हो सकता है। कुछ चीजें ध्यान में रखकर इस काम को शुरू कर सकते हैं। इसके लिए न तो आपको कोई आॅफिस स्पेस किराए पर लेने की जरूरत है और न ही आपका कोई बॉस होगा। बस ध्यान रखनी होगी डेट लाइन और एक्यूरेसी की। आज हम आपको बता रहे है कि कैसे आप अॉनलाइन अर्निंग के जरिए पैसे कमा सकते है। 

आॅनलाइन ट्यूशन 
अगर आपकी किसी सब्जेक्ट पर अच्छी पकड़ है, तो आॅनलाइन ट्यूशन दे कर अर्निंग कर सकते हैं। आप घर में बैठे-बैठे दुनिया के किसी भी कोने में रह रहे स्टूडेंट को आॅनलाइन पढ़ा सकते हैं। आॅनलाइन ट्यूटरिंग नॉलेज प्रॉसेस आउटसोर्सिंग (केपीओ) का एक हिस्सा है, जो दूर बैठे टीचर और स्टूडेंट्स के बीच कांटैक्ट बनाता है। इस माध्यम में स्टूडेंट वर्चुअली टीचर के साथ इंटरैक्शन कर सकते हैं साथ ही कंफर्टेबल होकर पढ़ाई भी करते हैं। लाइव-ई-ट्यूटरिंग के तरह एक वर्चुअल क्लासरूम होता है, जहां वर्चुअल टूल, व्हाइटबोर्ड और चैटिंग की सुविधा होती है। इसके अलावा, आॅनलाइन राइटिंग लैब के तहत स्टूडेंट्स ट्यूटर को अपनी प्रॉब्लम्स ड्राफ्ट करके भेज देते हैं और तय वक्त में ट्यूटर को रेस्पॉन्स करना होता है। क्रिएटिव लोगों के लिए आॅनलाइन ट्यूशन का आॅप्शन बेस्ट है। साथ ही अगर कुछ टीचिंग एक्सपीरियंस है तो यह सोने पर सुहागा होगा। इसे पार्ट टाइम और फुल टाइम दोनों तरह से अपना सकते हैं। वैसे, आॅनलाइन- ट्यूटर बनने के लिए सब्जेक्ट पर अच्छी कमांड होनी चाहिए।  टीचिंग एप्टीट्यूड और कंप्यूटर नॉलेज भी जरूरी होता है। स्टूडेंट आपका ट्रायल भी ले सकते हैं। इसके लिए तैयार रहें। विदेशी स्टूडेंट्स को ट्यूशन देकर घर बैठे डॉलर कमा सकते हैं।

आॅनलाइन रिसर्च 
आॅनलाइन रिसर्च वर्क भी कमाई का अच्छा जरिया बनता जा रहा है। आप किसी सब्जेक्ट के स्पेशलिस्ट हैं, तो उसे आॅफिस वर्क तक सीमित न रखें, उस सब्जेक्ट में दूसरों को एडवाइज देकर अर्निंग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए किसी को साइंस से रिलेटेड कोई ईबुक लिखनी है, लेकिन उसके पास रिसर्च के लिए टाइम नहीं है, तो वह जॉब आॅनलाइन रिसर्च कंपनी को सौंप देता है। अब आपकी जिम्मेदारी होगी कि क्लाइंट के लिए इन्फॉर्मेशन इंटरनेट पर सर्च करें। कई बार क्लाइंट को मीटिंग से पहले किसी सब्जेक्ट पर प्रजेंटेशन बनानी होती है, लेकिन टाइम नहीं है तो आॅनलाइन रिसर्च एजेंसी के जरिए यह कर सकते हैं। आपकी जिम्मेदारी होगी कि यह काम तय समय सीमा के भीतर हो और इन्फॉर्मेशन आॅथेंटिक हो। आप इस तरह का वर्क आॅनलाइन रिसर्च एजेंसी की मदद से शुरू कर सकते हैं। कुछ एजेंसीज अपनी टीम का हिस्सा बनाने के लिए टेस्ट भी लेती हैं, जो प्रोफाइल के मुताबिक होता है। टेस्ट क्वालिफाई करने के बाद टीम का हिस्सा बन सकते हैं। वहीं प्लेसमेंट वेबसाइट्स पर भी आॅनलाइन रिसर्च जॉब्स पर नजर रख सकते हैं।

पेड राइटिंग 
अगर आपको लिखने का पैशन है, तो दूसरे ब्लॉग्स या साइट्स जैसे वेबलॉग्स पर लिखकर कमाई कर सकते हैं। पेड राइटिंग जॉब्स के लिए न तो किसी एक्सपीरियंस हिस्ट्री की जरूरत होती है और न ही डिग्री-डिप्लोमा या स्पेशल ट्रेनिंग की। पेड राइटिंग फ्रीलांस जॉब है, जिसमें अपनी सहूलियत के मुताबिक काम कर सकते हैं। फ्रीलांस राइटर होने के नाते क्लाइंट की जरूरत के मुताबिक आर्टिकल लिखने होते हैं। फ्रीलांस राइटर के लिए सबसे जरूरी है लैंग्वेज नॉलेज और कंटेंट की क्वॉलिटी। नए राइटर्स को पहले किसी राइटिंग या पब्लिशिंग वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। कुछ कंपनियां राइटिंग के सैंपल मांगती हैं तो इसके लिए राइटर को कुछ आर्टिकल लिखकर अपलोड करने होते हैं। वहीं कुछ मामलों में राइटर्स को अपफ्रंट पेमेंट यानी अग्रिम भुगतान भी दिया जाता है। लेकिन यह कंटेंट और राइटिंग क्वॉलिटी पर निर्भर करता है। वहीं कुछ वेबसाइट्स परफॉरमेंस के मुताबिक पे करती हैं। यानी कि अगर आर्टिकल पब्लिश होने के बाद साइट पर व्यूवर बढ़ जाते हैं तो अच्छे पैसे मिल जाते हैं।

ब्लॉग 
यदि आप ब्लॉगिंग करते हैं, तो अपने ब्लॉग पर ऐड लगा कर अर्निंग कर सकते हैं। इसके लिए आपको गूगल ऐड सेंस पर रजिस्टर होना होगा। इसके बाद गूगल आपके ब्लॉग या साइट पर कंटेंट के अनुसार ऐड लगाना शुरू कर देता है। इसके लिए जरूरी है कि आपकी साइट रेगुलर अपडेट होती रहे। साइट पर कंटेंट और विजिटर्स को लेकर गूगल लगातार मॉनिटरिंग करता रहता है। एक निश्चित अमाउंट होने पर आप ये मनी अपने एकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। अगर आपके पास ब्लॉग या वेबसाइट नहीं है तो गूगल ब्लॉग पर अपना ब्लॉग बना सकते हैं। ब्लॉग में आॅरिजनल कंटेंट का इस्तेमाल करें। इस बात का ध्यान रखें कि दूसरी वेबसाइट्स या ब्लॉग से कंटेंट कॉपी न करें। क्वालिटी कंटेंट अगर खरीद सकते हैं, तो बढ़िया रहेगा। ध्यान रखें कि गूगल पोर्न, कसिनो या गैंबलिंग, ड्रग या हैकिंग साइट्स को सपोर्ट नहीं करता है। एडसेंस सिर्फ इंग्लिश कंटेंट को रजिस्टर करता है। अन्य भाषाओं जैसे हिन्दी पर यह काम नहीं करता। गूगल दूसरी कंपनियों के विज्ञापनों को अपने लाखों रजिस्टर्ड मेंबर्स की वेबसाइट्स या ब्लॉग पर पब्लिश कर देता है। जब भी उन विज्ञापनों पर कोई क्लिक करता है तो उस क्लिक के एवज में गूगल को उसके गूगल एडवर्ड्स प्रोग्राम के तहत उसके कस्टमर्स से पैसे मिलते हैं। क्लिक के बदले मिली रकम का एक छोटा-सा हिस्सा गूगल अपने उस रजिस्टर्ड मेंबर्स को भी देता है, जिसकी वेबसाइट या ब्लॉग में पब्लिश विज्ञापन पर क्लिक किया गया था। 

इंटरनेट मार्केटिंग 
वेबसाइट, पोर्टल या ब्लॉग को लॉन्च करना तो बेहद आसान है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है वेबसाइट, पोर्टल या ब्लॉग की मार्केटिंग। ऐसे में आॅनलाइन मार्केटिंग या इंटरनेट मार्केटिंग की भूमिका सामने आती है। अगर आपकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी है, इंग्लिश पर कमांड है और वेब टेक्नोलॉजी जानते हैं, तो कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है। घर बैठे ही सेल्समैन बन सकते हैं। इंटरनेट मार्केटिंग कंपनियों और कंज्यूमर्स को कनेक्ट करती है। इंटरनेट मार्केटिंग के जरिए वेब वर्ल्ड का रास्ता खुलता है, जो एक वेबसाइट या ब्लॉग की प्राइमरी रिक्वॉयरमेंट है। इसके अलावा, सोशल मीडिया मार्केटिंग के तहत भी अर्निंग कर सकते हैं। इसमें किसी सर्विस या प्रोडक्ट की सोशल नेटवर्क साइट्स, जैसे- फेसबुक, लिंक्डइन, यू-ट्यूब, ट्विटर और गूगल प्लस के जरिए मार्केटिंग की जाती है। इसमें इन साइट्स पर प्रोडक्ट या सर्विसेज का एक प्रोफाइल बनाया जाता है और कंटेंट को रोजाना अपडेट किया जाता है, ताकि अधिक से अधिक यूजर इसे लाइक करें। अगर आप इस मोड से मार्केटिंग करना चाहते हैं तो आपके लिए बेहतरीन विकल्प है।

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