UP Board Exam 2019 : मुसीबत बने ये विषय,टीचर्स हो रही है परेशानी

Saturday, Feb 09, 2019 - 02:37 PM (IST)

नई दिल्ली : यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरु हो चुकी है, लेकिन परीक्षाएं शुरु होने के साथ ही अधिकारियों की परेशानी भी शुरु हो गई है। दरअसल आलमनगर स्थित स्वतंत्र गर्ल्स इंटर कॉलेज में शुक्रवार को यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की म्यूजिकल वोकल व इंस्ट्रूमेंटल की परीक्षा थी। सुबह सात बजे से ही मजिस्ट्रेट, केन्द्र व्यास्थापक और कक्षनिरीक्षक समेत एक दर्जन से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों का अमला परीक्षा केन्द्र पहुंच गया था लेकिन तीन घंटे के इंतजार के बाद एक भी छात्र परीक्षा देने नहीं पहुंचा। ऐसा ही कई परीक्षा केंद्रों का हाल रहा जहां केन्द्र व्यस्थापक प्रश्न पत्र और कापियां लिए छात्रों का इंतजार करते रहे। 

इसके पीछे की वजह है कुछ विषय। क्योंकि  संगीत वादन व गायन, काष्ठ शिल्प, चर्म शिल्प, कृषि, तर्कशास्त्र समेत करीब दो दर्जन ऐसे विषय हैं। जिनमें चुनिंदा छात्र ही पंजीकृत कराते है, उसमें से भी बहुत कम संख्या में छात्र परीक्षा देने के लिए पहुंचते हैं। टीचर्स भी यह मानते है कि इन सब्जेक्ट के कारणबोर्ड के संसाधन और समय दोनों ही बरबाद हो रहे हैं। कम संख्या को देखते हुए इस तरह के विषय खत्म कर देना ही बेहतर है। 

छात्रों को तलाशती रही आंखें
रामाधीन सिंह इंटर कॉलेज में शुक्रवार को कृषि की परीक्षा थी। अधिकारियों के मुताबिक यहां पर एक छात्र को परीक्षा देने आना था। एक बच्चे की परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट से लेकर केन्द्रव्यस्थापक,कक्ष निरीक्षक समेत एक दर्जन अधिकारियों व कर्मचारियों का अमला परीक्षा केन्द्र पर तैनात हो गया था। परीक्षा का समय बीता गया लेकिन छात्र परीक्षा देने नहीं आया। यहीं हाल स्वतंत्र गर्ल्स इंटर कॉलेज का था, जहां पर संगीत वादन व इंटस्ट्रूमेंटल की परीक्षा में एक भी छात्र नहीं पहुंचा। नेशनल इंटर कॉलेज में सुबह परीक्षा में छात्र संख्या शून्य रही। इसके अलावा सुबह की पाली में आयोजित इंटर व हाईस्कूल कृषि व संगीत वादन की परीक्षा में जेपी साहू व गिरधारी सिंह इंटर कॉलेज मे 6, जनता इंटर कॉलेज में 4, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में व जगन्नाथ इंटर कॉलेज में 6 और स्वामी विवेकानंद इंटर कॉलेज में महज दो छात्र ही परीक्षा देने पहुंचें। 

मूल्यांकन में भी होती है परेशानी
संगीत वादन, कृषि, चर्मशिल्प, काष्ठ शिल्प जैसे विषय सिर्फ परीक्षा के दौरान ही अधिकारियों के लिए मुसीबत साबित नहीं होते हैं बल्कि परीक्षा के बाद मूल्यांकन में यही विषय परेशानी का सबब बनते हैं। इन विषयों के साथ भाषा की कापियां जांचने वाले शिक्षक नहीं मिलते हैं। इससे कापी चेकिंग में काफी समय लग जाता हैं। 
 

 
 

bharti

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