इस राज्य के अप्रशिक्षित बी.एड. शिक्षक कर सकेंगे डिवैल्पमैंट कोर्स

Sunday, Aug 20, 2017 - 12:41 PM (IST)

शिमला : केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों के बाद सरकार ने प्रदेश के 1162 अप्रशिक्षित बी.एड. शिक्षकों को 6 महीने का प्रोफैशनल डिवैल्पमैंट प्रोग्राम करवाने का प्रावधान किया है। एन.आई.ओ.एस. के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों को ये कोर्स करवाया जाएगा। इसके बाद शिक्षक केंद्र सरकार द्वारा जारी पात्रता को पूरी कर पाएंगे। ये प्रावधान उन्हीं शिक्षकों के लिए किया गया है जो प्राथमिक शिक्षक बी.एड. डिग्री होल्डर हैं। सरकारी व गैर-सरकारी दोनों शिक्षक ये कोर्स कर सकेंगे लेकिन इस दौरान जिन शिक्षकों ने बी.एड. पास नहीं की है, उन्हें 2 साल का डिप्लोमा इन एलीमैंटरी एजुकेशन कोर्स करना ही होगा।

ये डिप्लोमा शिक्षक एन.आई.ओ.एस. से कर सकते हैं। इसके लिए एन.आई.ओ.एस. ने शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लेने शुरू कर दिए हैं जबकि 6 महीने के उक्त कोर्स के लिए शिक्षक 22 अगस्त तक प्रारंभिक विभाग को आवेदन कर सकते हैं। इस दौरान विभाग ने इस संबंध में सभी उपनिदेशकों को निर्देश जारी कर शिक्षकों को इस बारे अवगत करवाने को कहा है। इसके बाद कोई भी आवेदन नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही विभाग ने इस दौरान उक्त शिक्षकों की सूची भी जारी की है जिन्होंने बी.एड. पास की है। प्रारंभिक विभाग केे निदेशक की ओर से ये निर्देश जारी किए हैं।

गौरतलब है कि मानव संसाधन मंत्रालय ने सरकारी व गैर-सरकारी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाएं यानी कि पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ा रहे अप्रशिक्षित शिक्षकों की न्यूनतम योग्यता पूरी करने के लिए निर्देश जारी किए हैं। इस समय प्रदेश में प्राथमिक स्तर पर पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने के लिए जो शिक्षक नियुक्त किए उनमें से कई एन.सी.टी.ई. के नियमों को पूरा नहीं करते हैं। उन्हें अब आर.टी.ई. (राइट-टू-एजुकेशन) के तहत न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी करनी होगी। इसके लिए केंद्र ने शिक्षकों को 31 मार्च, 2019 का समय भी दिया है। इस अवधि में अप्रशिक्षित शिक्षक अपनी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता पूरी कर सकते हैं। ऐसा न करने पर 1 अप्रैल, 2019 से सरकारी व गैर-सरकारी स्कूल अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवाएं नहीं ले पाएंगे। इसके चलते अब ऐसे शिक्षकों को आर.टी.ई. एक्ट के नियमों के तहत शिक्षकों को डी.एल.डी, 12वीं में 50 प्रतिशत अंकों की शर्त, बी.एड. व टैट क्वालिफाई करना होगा तभी ये शिक्षक स्कूलों में पढ़ाने के लिए पात्र हो सकेंगे। 

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