गोरखपुर विश्वविद्यालय की छात्रा ने रचा नया इतिहास, पांच साल का लगा समय

Thursday, Jul 11, 2019 - 01:06 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत देश में बहुत से ऐसे छात्र जो देश में बहुत से बड़े काम करके नाम रोशन कर देते है। आज ऐसे ही एक छात्र की बात करने जा रहे है जिसने वैज्ञानिकों की तरह दुनिया में अपनी प्रतिभा दिखा कर सब लोगों को हैरान कर दिया है। बता दें कि गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय विश्विद्यालय की एक छात्रा ने दुनिया का सबसे चमकीला पदार्थ बनाकर नई इबारत लिखी है। इस छात्रा का नाम है इफ्फत अमीन। इस काप्लेक्स की चमक क्षमता 91.9 प्रतिशत है। इस पदार्थ को परीक्षण के बाद अब इस रिसर्च पर आईआईटी चेन्नई और जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट से भी सहमति मिल गई है। 

क्यों है ये खोज महत्वपूर्ण 
यह खोज इसलिए महत्वपूर्ण है कि, इसकी मदद से दो वॉट के एलईडी में 20 वॉट तक की रोशनी मिल सकेगी। 

पांच साल का लगा समय 
गोरखपुर की इफ्फत अमीन दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र की शोधार्थी हैं। इफ्फत ने पांच साल में यह शोध पूरा किया है। इस कांप्लेक्स की चमक क्षमता 91.9 फीसदी है। अब तक बने चमकीले कांप्लेक्स की क्षमता 80 फीसदी तक है। इफ्फत अमीन के प्रोफेसर उमेश नाथ त्रिपाठी ने बताया कि इसका पता तब चला जब चमकीले कांप्लेक्स के मिश्रण को आईआईटी मद्रास चेन्नई व जापान में परीक्षण हुआ। आईआईटी मद्रास व जापान के क्यूशू इंस्टीट्यूट में जांच के बाद पदार्थों की दक्षता का दावा किया गया है। 

ये आई दिक्क्तें 
इफ्फत ने कहा कि हमारे देश में आज भी वैज्ञानिक परीक्षणों से संबंधित कई तरह केमिकल नहीं मिल पाते हैं, जिन्हे विदेशों से मंगाना बेहद खर्चीला होता है, साथ ही उसमें समय का भी बर्बाद होता है। इसी वजह से उनके दो साल लगातार असफलताओं में गुजर गए। उस दौरान उनसे सौ से ज्यादा गलतियां हुईं लेकिन कठिन मेहनत से वह उन्हे एक-एक कर ठीक करती गईं। 

जानिए क्या हैं फायदे 
ऑर्गेनिक एलईडी बल्ब बनाई जा सकेगी, जो महज 1 से 2 वाट के करंट से तेज रोशनी देगी। 
रडार में ऊर्जा की खपत कम होगी। 
एमआरआई में भी नतीजे अच्छे मिलेंगे।  
दवाओं और बायोलॉजिकल सिस्टम की जांच तथा लेवलिंग में कारगर होंगे। 


 

Riya bawa

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