NEET पास करने वाले छात्रों को विदेशी कालेजों में दाखिले का छलावा

Wednesday, Jul 25, 2018 - 01:22 PM (IST)

फरीदकोटः एमबीबीएस प्रवेश में अनिश्चितता और देरी ने संभावित चिकित्सा छात्रों को बेचैन कर दिया है। मैडीकल काऊंसिलिंग कमेटी (एमसीसी) ने पिछले हफ्ते काऊंसलिंग को ध्यान में रखते हुए, एनईईटी में औसत रैंकिंग पाने वाले छात्रों को 'एजैंट' द्वारा विदेश में एमबीबीएस करने के लिए लालसा दी जा रही है।

 

इतना ही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार एनईईटी में औसत रैंक पाने वाले कई छात्रों ने रूस तथा चीन सहित विदेशी देशों के मैडीकल कॉलेजों के 'समायोजन' के लिए एजैंटों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय के आदेशों पर रोक लगाते हुए तमिल में परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए 1 9 6 ग्रेस मार्कस को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट के नागपुर बेंच के आदेश के बाद अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटों पर प्रवेश के लिए दूसरी काऊंसलिंग रोक दी गई है।

 

मैडीकल काऊंसिलिंग कमेटी द्वारा काऊंसलिंग पूरी होने तक राज्य में कोई रिक्त एआईक्यू सीट वापस नहीं की जा सकती। बाबा  फरीद  यूनिवर्सिटी  ऑफ़  हेल्थ  साइंसेज ,फरीदकोट  (बीएफयूएचएस) राज्य में 22 चिकित्सा और दंत चिकित्सा कॉलेजों में 2,200 एमबीबीएस और बीडीएस सीटों के लिए काऊंसलिंग के दूसरे दौर के साथ आगे बढ़ने में सक्षम नहीं है। एमसीसी के अनुसार, सभी रिक्त एआईक्यू सीटों को 23 जुलाई को स्थानांतरित या राज्य में वापस लेना था और राज्य सभी उपलब्ध रिक्त सीटों के आधार पर काऊंसलिंग के दूसरे दौर को शुरू करना था।

 

एमसीसी द्वारा काऊंसलिंग के दूसरे दौर के संचालन में यह देरी राज्य काऊंसलिंग के दूसरे दौर की शुरुआत में देरी का कारण बन जाएगी और एमओपी-अप और 1 अगस्त को शुरू होने वाले नए शैक्षणिक वर्ष 2018-2019 के शुरू होने में भी इससे देरी होगी। बीएफयूएचएस के वाईस चांसलर डॉ राज बहादुर ने कहा कि विश्वविद्यालय एमसीसी से अदालत के फैसले और दिशानिर्देशों के साथ आगे बढ़ने के लिए इंतजार कर रहा है।

Sonia Goswami

Advertising