यूजीसी ने गेस्ट शिक्षकों का मानदेय 50% बढ़ाया

Wednesday, Jan 30, 2019 - 01:44 PM (IST)

नई दिल्ली  : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सचिव ने देशभर के सभी विवि के अलावा वित्त पोषित शैक्षणिक संस्थानों के कुलसचिव को सर्कुलर भेजा है। इस सर्कुलर में गेस्ट शिक्षकों को दिए जाने वाले मानदेय को 50 फीसदी की बढ़ौतरी किये जाने से डीयू शिक्षकों में खुशी का माहौल है।


ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजिज एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन के नेशनल चेयरमैन व विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने बताया है कि यूजीसी ने 10 दिसम्बर 2018  को अपनी 537वीं मीटिंग में गेस्ट फैकल्टी के मानदेय में संशोधन करते हुए बढ़ौतरी का फैसला किया। उनका कहना है कि यूजीसी ने गेस्ट शिक्षकों के मानदेय की बढ़ौतरी के संदर्भ में पुन: संशोधित दिशा निर्देश 28 जनवरी की जारी कर लागू करने के निर्देश दिए हैं।


यूजीसी द्वारा भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों के अंतर्गत विश्वविद्यालयों/ कॉलेजों में कार्यरत गेस्ट फैकल्टी के मानदेय में बढ़ौतरी के संदर्भ में यूजीसी ने जो फैसला किया है वे इस प्रकार है-गेस्ट फैकल्टी के मानदेय को प्रति लेक्चर 1000 से बढ़ाकर 1500 करते हुए प्रति माह अधिकतम 50,000 कर दिया गया है। उनका कहना है कि गेस्ट टीचर्स को पहले 25,000 रुपये मिलते थे और प्रति लेक्चर 1000 दिए जाते थे।


गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति विभाग में स्वीकृत पदों के आधार पर की जाएगी। हालांकि विश्वविद्यालयों में जहां स्वीकृत पद शैक्षिक वर्कलोड को ध्यान में रखते हुए अपर्याप्त है वहां गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति स्वीकृत पदों के 20 प्रतिशत या उससे अधिक हो सकती है। साथ ही गेस्ट टीचर्स की योग्यता का निर्धारण विश्वविद्यालयों/कॉलेजों में यूजीसी के अनुसार नियुक्त नियमित शिक्षकों के बराबर ही होगी। 
वयोवृद्ध शिक्षकों को भी सेवानिवृत्ति के बाद 70 साल की उम्र सीमा के भीतर गेस्ट फैकल्टी के रूप में ही समझा जायेगा। स्थायी की तरह लिया जाएगा गेस्ट शिक्षकों का इंटरव्यू लिया जाएगा। 

pooja

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