यूजीसी और एआईसीटीई का विलय 2019 तक टला

Monday, Jun 04, 2018 - 05:27 PM (IST)

नई दिल्ली : हायर एजुकेशन की दो बड़ी संस्थाओं के विलय होने की प्रक्रिया में अभी और वक्त लग सकता है। सूत्रों के मुताबिक शिक्षा क्षेत्र की बड़ी संस्था यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) और द ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) का विलय मोदी सरकार के अपर हाउस में मेजोरिटी होने पर ही हो पाएगा। हालांकि इसका मसौदा तैयार हो चुका है। 


एचआरडी मंत्रालय ने पिछले वर्ष यूजीसी और एआईसीटीई के विलय का हायर एजुकेशन एम्पावरमेंट रेगुलेशन एजेंसी (हीरा) में करने का प्रस्ताव रखा था। मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस मसले पर बात करते हुए बताया कि हीरा के गठन के लिए दोनों सदनों (लोकसभा-राज्यसभा) से मंजूरी की जरूरत है। लेकिन अभी राज्यसभा में भाजपा मेजोरिटी में नहीं है इसलिए 2019 के चुनाव तक इस विलय को मंजूरी नहीं मिल पाएगी। वर्तमान समय में यूजीसी और एआईसीटीई के अलग-अलग दो चेयरमैन हैं जो संस्थान और उससे संबंधित विभागों को देख रहे हैं। आपको बता दें कि यूजीसी केन्द्रीय सरकार का एक उपक्रम है जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को अनुदान प्रदान करता है। यही आयोग विश्वविद्यालयों को मान्यता भी देता है। इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है। एआईसीटीई नई तकनीकी संस्थाएं शुरू करने, नए पाठयक्रम शुरू करने और तकनीकी संस्थाओं में प्रवेश-क्षमता में फेरबदल करने हेतु अनुमोदन देती है। यह ऐसी संस्थाओं के लिए मानदंड भी निर्धारित करती है। 

pooja

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