UGC के नए नियमों से स्टूडेंट्स को होगा बड़ा फायदा

Saturday, Dec 10, 2016 - 10:53 AM (IST)

नई दिल्ली: छात्रों के हित की रक्षा के लिए यूनियन ग्रांट्स कमिशन ने शैक्षणिक संस्थानों के लिए दाखिले के दौरान सर्टिफिकेट्स के वेरिफिकेशन, फीस का भुगतान और रिफंड्स पर नए नियमोंका फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि अब किसी भी छात्र को ऐडमिशन फॉर्म के साथ असल प्रमाणपत्र, मार्कशीट्स, स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट्स या अन्य सच दस्तावेजों की असल कॉपी जमा नहीं करनी पड़ेगा। उच्च शिक्षा संस्थान इन दस्तावेजों की असल कॉपी जमा करने के लिए छात्र पर जोर नहीं दे सकते हैं। नए नियम के अनुसार संस्थान दाखिले के समय असल कॉपी को देखकर वेरिफिकेशन कर सकते हैं और उन कॉपीज को तुरंत छात्रों को लौटाना होगा। संस्थान चाहें तो उन दस्तावेजों की प्रमाणित फोटोकॉपी रख सकते हैं।

UGC के मुताबिक, अब छात्रों के लिए स्डटी प्रोग्राम के दौरान कभी भी संस्थान के प्रॉसपेक्टस को खरीदना जरूरी नहीं होगा। इसके अलावा संस्थान उस सेमेस्टर या साल के लिए ही सिर्फ छात्रों से अडवांस में फीस ले सकते हैं जिस दौरान छात्र वहां शैक्षिक गतिविधि में शामिल होगा। यानी पूरे प्रोग्राम के लिए अडवांस फीस नहीं वसूली जा सकती है। अगर छात्र प्रोग्राम को जारी नहीं रखना चाहता और अपना नाम कटवाना चाहता है तो इंस्टिट्यूट को छात्र द्वारा भुगतान की गई फीस के रिफंड के लिए 4-टायर सिस्टम का पालन करना होगा।

अगर औपचारिक रूप से उल्लिखित दाखिले की तारीख से 15 दिनों पहले विथड्रॉ नोटिस दिया जाता है, तो जमा की गई फीस में से संस्थान 10 फीसदी से ज्यादा नहीं काट सकते हैं। बाकी रकम छात्र को लौटानी होगी। शिकायतों के असरदार ढंग से निपटारे के लिए यूनिवर्सिटियों को एक 'शिकायत निपटारा कमिटी' का भी गठन करना होगा। असल सर्टिफिकेट्स को रोकने या फीस रिफंड नहीं करने पर संस्थान पर जुर्माना लगया जा सकता है।
 

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