लिखना पढ़ना सीखने के लिए एक नए मीशन पर निकल पड़ी ''यहां'' की बुजुर्ग महिलाएं

Thursday, May 25, 2017 - 05:07 PM (IST)

तिरवनंतपुरम : केरल के तटीय इलाकों में महिलाओं का एक समूह अपनी कमजोर आंखों और अन्य बीमारियों के बावजूद भी सीखनें के एक नए मीशन पर निकल पड़ा है।  तटीय इलाकों में राज्य सरकार की ‘अक्षरासाग्राम’ परियोजना पंचायतों में साक्षरता के स्तर में सुधार ला रही हैं। ये महिलाएं जो कभी स्कूल नहीं गई उनके लिए यह परियोजना एक नई उम्मीद है। त्रिकरपुर की 86 वर्षीय मैनयेरी  माधुम्मा ने कहा, ‘‘मैं अपनी अंतिम सांस तक पढ़ाई करना चाहती हूं।’’ मैनयेरी की आंखे बेहद कमजोर है। मलप्पुरम की 81 वर्षीय  बियाथम्मा और तिरवनंतपुरम की 80 वर्षीय व्याकुलम्मा का भी कुछ एेसा ही कहना है। ‘अक्षरासाग्राम’ परियोजना के तहत इस माह पुरषों समेत करीब 3746 लोगों ने साक्षरता परीक्षा दी हैं और ये तीनों महिलायें भी इनमें शामिल हैं। तटीय इलाकों की विभिन्न आयु वर्ग की 90 प्रतिशत महिलाओं ने इस साल परीक्षा दी है।

अंग्रेजी के अक्षर में लिखना पढ़ना सीखाया जाएगा
मत्स्य विभाग के सहयोग से ‘केरल राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण’ :केएसएलएमए: यह परियोजना चला रहा है।  केएसएलएमए की निदेशक पी एस श्रीकला ने बताया कि पहले चरण में तिरवनंतपुरम, मलप्पुरम, कसारगोड जिलों की 15 पंचायतों के 81 तटीय वार्ड को परियोजना के लिए चुना गया है। मुस्लिम बहुल क्षेत्र मलप्पुरम में कक्षाओं में हिस्सा लेना एक जश्न की तरह है। परियोजना के राज्य समन्वयक पी प्रशांत ने बताया कि शुरूआत में छात्रों को अक्षर लिखना, उन्हें पढ़ना और आसान गणित सिखाया जा रहा है। दूसरे चरण में उन्हें सामाजिक अध्ययन, मलयालम, मूलभूत विज्ञान और अंग्रेजी के साथ अंग्रेजी के अक्षर लिखना सीखाया 
जाएगा। वहीं तीसरे चरण में हिंदी के अक्षर सिखाएं जाएंगे।  

 
 
 
 

  
 
  

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