ई.सी.जी. टैक्नीशियन पदों पर नौकरी पाने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2018 - 05:26 PM (IST)

इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम टैक्नीशियन को कार्डियोग्राफिक टैक्नीशियन भी कहा जाता है। ई.सी.जी. मशीन का इस्तेमाल करके मरीजों की हृदय गति मापने, कार्डियक रिदम को मॉनिटर करने, दिल और रक्त वाहिकाओं में अनियमितताओं को खोजने में चिकित्सकों की मदद करना, अधिगृहीत डाटा एकत्रित करना, रोगी की चिकित्सा की स्थिति की जांच करना और हृदय रोग विशेषज्ञों की सहायता करना ही इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम टैक्नीशियन का काम होता है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के कई विकल्प मौजूद हैं जैसे अस्पतालों, चिकित्सक कार्यालयों, प्रयोगशालाओं और क्लीनिकों इत्यादि में।


कार्य क्षेत्र
इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम टैक्नीशियनों का कर्तव्य ई.सी.जी. के टैस्ट प्रोसीजर की देख-रेख करना, ई.सी.जी. की रीडिंग्स को रिकार्ड करना, तनाव परीक्षणों को पूरा करना, एडमिनिस्टर होल्टर मोनिटरिंग का परीक्षण करना, विशेषज्ञों को ई.सी.जी. का टैस्ट डाटा मुहैया करना, ई.सी.जी. परीक्षण की प्रक्रियाओं की देख-रेख करना होता है। इसके अलावा यह गैर-इनवेसिव उपकरण का प्रयोग करके रोगी के हृदय की गतिविधियों का परीक्षण करते हैं, ई.सी.जी. प्रक्रियाओं के माध्यम से रोगी को गाइड करते हैं और प्रयोगशालाओं के उपकरणों की देख-रेख करते हैं।


कोर्स एवं योग्यता
इस कोर्स में डिप्लोमा के लिए अभ्यर्थी का किसी भी मान्यताप्राप्त बोर्ड से 12वीं पास होना जरूरी है। कोर्स के दौरान विद्यार्थी को 1 साल में 2 सिमैस्टर में कोर्स को पूरा करना होता है जिसमें उन्हें थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों प्रदान किए जाते हैं। यह कोर्स दिल और सीने की शरीर रचना विज्ञान और शरीर क्रिया विज्ञान पर महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि को भी कवर करता है। दिल की विद्युत चालन प्रणाली और ई.सी.जी. की व्याख्या भी पढ़ाई जाती है।

 

अवसर
डिप्लोमा इन इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम टैक्नोलॉजी कोर्स करने के बाद अभ्यर्थी के लिए सरकारी और गैर-सरकारी विभागों में कई अवसर उपलब्ध हैं। आपदा की स्थिति में सबसे ज्यादा जरूरत मैडीकल सहयोगियों की होती है जिसमें यही टैक्नीशियन मैडीकल सुविधाएं प्रदान कराने में काम आते हैं। यह कोर्स पूरा करने के बाद देश भर के अस्पतालों, चिकित्सक कार्यालयों, प्रयोगशालाओं और क्लीनिकों में आसानी से काम कर सकते हैं और चाहें तो अपने आस-पास के अस्पतालों में इलैक्ट्रोकार्डियोग्राम टैक्नीशियन के तौर पर भी काम कर सकते हैं। इसके अलावा अल्ट्रासाऊंड, एक्स-रे और कार्डियोपल्मोनरी में विशेषज्ञ बनने के लिए भी सुनहरे अवसर हैं।


वेतन
इस क्षेत्र में न्यूनतम सैलरी 15 से 20 हजार होती है और तजुर्बे के साथ-साथ सैलरी में भी वृद्धि होती चली जाती है। सरकारी या गैर-सरकारी अस्पतालों में ये टैक्नीशियन अपने अनुभव के बाद अधिकारी पद के लिए भी आवेदन कर सकते हैं, जिसमें न्यूनतम सैलरी 40 से 50 हजार तक होती है।


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