विदेश में पढ़ाई के लिए जरूरी है ये टेस्ट,बिना इसके नहीं जा पाएंगे विदेश

Thursday, Dec 13, 2018 - 09:41 AM (IST)

नई दिल्लीः टोफेल का मतलब होता है फॉरेन लेंग्वेज के रूप में इंग्लिश का टेस्ट। ये टेस्ट दो तरह से लिया जाता है। एक होता है इंटरनेट बेस्ड टेस्ट और दूसरा पेपर बेस्ड टेस्ट होता है। इस टेस्ट में 0 से 120 पॉइंट्स के आधार पर मार्किंग की जाती है। 90 या इससे ज्यादा पॉइंट्स को सबसे अच्छा स्कोर माना जाता है। 

टोफेल के लिए रजिस्ट्रेशन कराने का सबसे आसान तरीका ऑनलाइन है। फोन, मेल या पोस्ट के जरिए भी  रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। टोफेल (टेस्ट ऑफ इंग्लिश फॉरेन लैंग्वेज) के माध्यम से स्टूडेंट्स की इंग्लिश  लेंग्वेज चैक की जाती है। ये टेस्ट उन स्टूडेंट्स को देना जरूरी होता है जिनकी मदरटंग यानी मातृभाषा  इंग्लिश नहीं होती और वो इंग्लिश को सेकंड लैंग्वेज के तौर पर यूज करते हैं।

टेस्ट फॉर्मैट को समझें
टेस्ट दो फॉर्मैट में होता है। इंटरनेट बेस्ड टेस्ट जिसे टोफल आईबीटी फॉर्मैट कहते हैं और दूसरा पेपर बेस्ड  टेस्ट, जिसे टोफल पीबीटी फॉर्मैट कहा जाता है। आप अपने टेस्ट सेंटर के अनुसार दोनों में से कोई भी  फॉर्मैट चुन सकते हैं। वहीं दूसरा इंटरनेट बेस्ड टेस्ट। इस टेस्ट में यूनिवर्सिटी लेवल पर इंग्लिश समझने और  उसे यूज करने की योग्यता को चेक किया जाता है। साथ ही यह भी चेक किया जाता है कि आप इंग्लिश  बोलने, सुनने, लिखने और पढ़ने की क्षमता को अपने अकैडमिक करियर में किस तरह यूज करते हैं। यह टेस्ट 4:30 घंटे का होता है, जोकि QWERTY की-बोर्ड पर लिया जाता है, इसलिए टेस्ट देने से पहले QWERTY की-बोर्ड पर प्रैक्टिस कर लेनी चाहिए।

सवालों के तरीके

  • 700 शब्दों के 3-5 पैसेज और हर पैसेज पर आधारित 12-14 सवाल।
  • 3 से 5 मिनट के 4 से 6 लेक्चर, हर लेक्चर में 6 सवाल और 3 मिनट की 2 से 3 कंवर्सेशन, जिसमें 5 
  • सवाल होंगे।
  • किसी भी टॉपिक पर बोलना। इस तरह के दो टास्क होंगे और बाकी 4 टास्क पहले हुए रीडिंग और लिस्निंग 
  • टेस्ट पर बेस्ड होंगे जिन पर आपको बोलना होगा।
  • एक टास्क में आपको लिखना होगा जोकि पहले हुए रीडिंग और लिस्निंग टेस्ट पर बेस्ड होगा और एक 
  • टास्क में आपको किसी खास टॉपिक पर लिखना होगा।

टेस्ट स्कोर

इस टेस्ट में 0 से 120 पॉइंट्स के आधार पर मार्किंग की जाती है। 90 या इससे ज्यादा पॉइंट्स को सबसे अच्छा स्कोर माना जाता है। वैसे हर यूनिवर्सिटी अपने हिसाब से यह तय करती है कि वह टोफेल में कितने पॉइंट्स वाले स्टूडेंट्स को अपने यहां ऐडमिशन देगी।

पेपर बेस्ड टेस्ट
इसमें टेस्ट के लिए इंटरनेट की जगह पेपर और पेन का इस्तेमाल होता है। यह टेस्ट लगभग 3:30 घंटे का  होता है जिसमें इंग्लिश में आपकी लिस्निंग, रीडिंग, राइटिंग और स्ट्रक्चर यानी ग्रैमर को चेक किया जाता है। साल में छह बार उन सेंटरों पर दे सकते हैं जहां टोफेल का आईबीटी फॉर्मैट मौजूद न हो।

Isha

Advertising