उच्च शिक्षा के लिए ये देश भी है बेहतरीन विकल्प

Saturday, Dec 02, 2017 - 01:48 PM (IST)

नई दिल्ली : आज भी बहुता सारे लोग विदेश जाकर पढ़ना चाहते है। ज्यादातर लोगोें का यह सपना होता है कि विदेश जाकर वह किसी अच्छे संस्थान में पढ़ाई करें ताकि अच्छा करियर और अच्छी जॉब पा सकें और अपनी जिंदीगी आराम से बिता पाएं। लेकिन कई बार यवाओं को यह समझ नहीं आता कि वह किस देश में जाकर उच्च शिक्षा हासिल करें ताकि उच्च शिक्षा के साथ- साथ पार्ट टाइम काम करके अपना खर्च निकला सकें। पहले युवाओं के पास अमेरिका और और ब्रिटेन भारतीय छात्रों के पसंदीदा डेस्टिनेशन हुआ करते थे। वहां की टॉप यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए भारतीय छात्र दिन-रात एक कर देते थे। लेकिन पिछले कुछ समय में कई अन्य देश भी हायर स्टडीज के बेहतरीन विकल्प के तौर पर उभरे है । अगर आप भी विदेश जाकर उच्च शिक्षा हासिल करने के बारे में सोच रहे है तो आइए जानते है कुछ अन्य देशों के बारे में जो हायर स्टडीज के लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते है

आयरलैंड
पिछले कुछ समय में आयरलैंड एजुकेशन का एक प्रमुख विकल्प बनकर उभरा है, क्योंकि यहां के कॉलेज प्रोफेशनल एजुकेशन के साथ-साथ ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराते हैं। वहीं मास्टर्स और पीएचडी के छात्र अपने वीजा प्रावधानों के आधार पर एजुकेशन के बाद दो साल तक वहां रह सकते हैं। मौजूदा समय में लगभग 2000 भारतीय छात्र आइरिश शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई कर रहे हैं और इस संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, साइबर सिक्योरिटी, डिजिटल एनालेटिक्स, डिजिटल फॉरेंसिक्स एंड नेटवर्किंग जैसे कोर्सेज विशेष तौर पर पसंद किए जा रहे हैं। आयरलैंड में वर्ल्ड की टॉप आईसीटी और गेमिंग कंपनियां भी मौजूद है। यहां एजुकेशन पर खर्च भी कम है और छात्र कोर्स के दौरान सप्ताह में पार्ट-टाइम यानी 20 घंटे या छुट्टियों के दौरान फुल-टाइम यानी 40 घंटों तक काम भी कर सकते हैं।

जर्मनी
जर्मनी में एजुकेशन के लिए एडमिशन लेने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारत का स्थान दूसरा है। कम खर्च में अच्छी पढ़ाई और बेहतरीन रोजगार के मौके इसकी बड़ी वजह है। यही नहीं, अंग्रेजी में कई पाठ्यक्रमों को शुरू करके जर्मनी ने भाषा की वजह से होने वाली रुकावटों को भी दूर किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, जर्मनी के ज्यादातर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट को सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिलती है। इस वजह से वहां अधिकांश गर्वमेंट हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में या तो छात्रों से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती या बेहद कम ली जाती है। छात्रों को मुख्य रूप से सेमेस्टर कॉन्ट्रीब्यूशन, आवास, हेल्थ इंश्योरेंस जैसे खर्च उठाने पड़ते हैं। बाकी खर्च, इस बात पर निर्भर करता है कि आपका एजुकेशनल इंस्टीट्यूट किस शहर में है। इसके अलावा वहां की गर्वमेंट छात्रों को एजुकेशन के बाद जॉब की तलाश के लिए 18 महीने का अतिरिक्त समय देती है।अगर आप साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (STEM) की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो जर्मनी मुफीद जगह है।  इनके अलावा फाइन एंड एप्लाइड आर्ट्स की पढ़ाई भी वहां की जा सकती है। 

फ्रांस
एजुकेशन के लिए अंतरराष्‍ट्रीय छात्रों की पसंद के मामले में फ्रांस का तीसरा स्थान है। हर साल लगभग 4000 भारतीय छात्र हायर स्टडीज के लिए फ्रांस जाते हैं, और इस संख्या के 2020 तक 10,000 तक पहुंचने की उम्मीद है।वर्ल्ड की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था फ्रांस में इंजीनियरिंग, लॉ, आर्किटेक्चर, एस्ट्रोफिजिक्स, जेनेटिक्स, फाइन आर्ट्स, डिजाइन, मैनेजमेंट स्टडीज जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों की पढ़ाई की जा सकती है। दुनियाभर के छात्रों की भाषा संबंधी दिक्कतों को कम करने की कोशिश भी की गई है। कई ऐसे कोर्स हैं, जो अंग्रेजी भाषा में पढ़ाए जाते हैं। अधिकांश यूनिवर्सिटीज के बैचलर्स डिग्री पाठ्यक्रमों की ट्यूशन फीस के रूप में लगभग 200 यूरो और मास्टर्स पाठ्यक्रमों की ट्यूशन फीस के रूप में 250 से 300 यूरो सालाना खर्च होते हैं। इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रमों की फीस थोड़ी ज्यादा होती है। फ्रांस में हायर स्टडीज हासिल कर रहे भारतीय छात्र वर्क एक्सपीरिएंस पाने के लिए अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद भी 24 महीने की अवधि तक वहां रुक सकते हैं। 

कनाडा
एक मल्टीकल्चरल देश के रूप में पहचान रखने वाला कनाडा विदेश में पढ़ाई के इच्छुक छात्रों के लिए बेहतरीन जगह है। अपेक्षाकृत कम खर्च और अल्ट्रामॉर्डन टेक्नोलॉजी के साथ बेहतरीन सुविधाओं से लैस कैम्पस यहां की एजुकेशन की खासियत है। बिजनेस मैनेजमेंट, डेंटिस्ट्री, इकोनॉमिक्स, इंजीनियरिंग, लॉ जैसे विषयों की पढ़ाई के लिए यह देश अपनी खास पहचान रखता है। पढ़ाई का खर्च पाठ्यक्रम और यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है।

न्यूजीलैंड
वर्ल्ड के शांतिपूर्ण देशों में गिना जाने वाला न्यूजीलैंड दो वजहों से दुनियाभर के छात्रों को अपनी ओर आकर्षित करता है। एक तो यूके, यूएसए और ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले यहां फीस कम है, दूसरे अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई की वजह से छात्रों को भाषा संबंधी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मरीन स्टडीज, कम्प्यूटर स्टडीज, मेडिसन, एग्रीकल्चर, एन्वायर्नमेंटल स्टडीज आदि की पढ़ाई के लिए छात्र यहां आ सकते हैं।  

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