Resume बनाते समय की गई ये गलतियां पड़ सकती है आप पर भारी

punjabkesari.in Friday, Jan 11, 2019 - 06:30 PM (IST)

नई द‍िल्‍ली: कंपीटिशन के इस बढ़ते दौर में नौकरी पाना बेहद कठिन होता जा रहा है। रिज्यूम किसी भी जॉब के लिए बहुत  महत्वपूर्ण होता है । किसी भी इंटरव्यू में आपका रिज्यूम ही आपकी असली पहचान होता है।रिज्यूम पढ़ कर ही हायरिंग मैनेजर आपके बारे में कई सारी बातों का पता लगा लेता है। कई बार ऐसे होता है कि आप चाहे किसी भी जॉब के लिए कितने भी परफेक्ट क्यों ना हो लेकिन अगर आपका रिज्यूम सही नहीं है तो आपको रिजेक्ट भी कर दिया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 55 प्रतिशत का रिजेक्शन सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि उनका रिज्यूम अच्छी तरह से बना हुआ नहीं होता है।इसलिए रिज्यूम बनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखा जाना बेहद जरुरी होता है

पहली लाइन महत्‍वपूर्ण
रिज्यूम की पहली लाइन करियर लक्ष्य से शुरू होती है। इस लाइन से आपकी अपेक्षाओं का पता चलता है। इसमें आपको अपने काम और स्किल्स को फोकस करते हुए, अपने लक्ष्यों को चिन्हित करना चाहिए। इससे आपकी कर्मठता का परिचय मिलता है। रिज्यूम  में ज्यादा रंगों और डिजाइन का प्रयोग आपके गैर-पेशेवर व्यवहार को दर्शाता है।

हॉबी और रिफरेंस देने से बचें
अधिकांश लोग रिज्यूम में अपनी हॉबी और रिफरेंस लिखते हैं, जबकि रिज्यूम में हॉबी और रिफरेंस नहीं लिखना चाहिए। इससे रिक्रूटर्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आपके रिज्यूम की ये बातें रिक्रूटर्स पर आपका सही या गलत प्रभाव बनाती हैं। इन्हीं बातों के आधार पर रिक्रूटर्स आवेदकों को शॉर्टलिस्ट करते हैं और नियुक्त करते हैं। इन छोटी-छोटी बातों का विशेष ध्यान रख कर आप रिक्रूटर्स की नजर को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं और लाखों की भीड़ में खुद को अलग दिखा सकते हैं। 88 प्रतिशत लोगों का रिजेक्शन सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने रिज्यूममें फोटो लगाई होती है।
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ऐसे बनाएं मास्टर पीस रिज्यूम
नौकरी कम होती हैं और आवेदन करने वाले लोग बहुत ज्यादा। ऐसे में रिक्रूटर्स अधिकांश लोगों को उनके सीवी के आधार पर रिजेक्ट कर देते हैं। मॉन्स्टर डॉट कॉम, नौकरी डॉट कॉम जैसी वेबसाइट पर एक सप्ताह में लगभग चार लाख  रिज्यूम अपलोड होते हैं, लेकिन बहुत कम रिज्यूमऐसे होते हैं, जो रिक्रूटर्स के ध्यान को अपनी तरफ खींच पाते हैं। बदलते ट्रेंड के साथ अच्छा रिज्यूम कैसे बनाएं, यह भी एक बड़ी मुश्किल है। रिज्यूम का फॉर्मेट भले ही बदलता रहे, लेकिन इसे बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रख कर एक मास्टरपीस रिज्यूम  तैयार किया जा सकता है

शॉर्ट एंड स्वीट
रिज्यूम हमेशा छोटा और स्पष्ट होना चाहिए। इसमें बातों को बढ़ा-चढ़ा कर लिखने की बजाय सीधे सटीक तथ्यों का विवरण देना चाहिए।
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सटीक भाषा और शब्द
रिज्यूम में उन शब्दों का प्रयोग करें, जिनका अर्थ और सही स्पेलिंग आप जानते हों। गलत भाषा और शब्दों का प्रयोग रिजेक्ट होने का सबसे बड़ा कारण होता है

सही फाॅर्मेटिंग
रिज्यूम का फार्मेट बदलता रहता है, लेकिन एक बात हमेशा समान होती है कि रिज्यूम साधारण और आकर्षक होता है। उसमें ज्यादा रंग और डिजाइन का प्रयोग नहीं होता है। रिज्यूम का फार्मेट चुनते समय इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि वह प्रोफेशनल दिख रहा है या नहीं।

प्वाइंटर का प्रयोग
रिज्यूम में छोटे वाक्यों का प्रयोग करें। किसी एक लाइन को लंबा खींचने से बेहतर है क‍ि कम व सटीक शब्‍दों में अपने बारे में बता द‍िया जाए।


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