शिक्षक ही समाज को दे सकता है सही दिशा

Tuesday, Sep 05, 2017 - 04:14 PM (IST)

सोलन: आज के बदलते दौर में गुरु-शिष्य के बीच आदर, मान-सम्मान और भावनात्मक स्नेह तंतु कमजोर पड़ते जा रहे हैं। इसका कारण आज के समय में साधन संपन्नता और शिक्षा नीति भी माना जा सकता है। शिक्षकों का कार्य न केवल पढ़ाई रह गया है, बल्कि अब शिक्षकों पर इसके अलावा अन्य कार्यों का भी अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। साधन संपन्नता से छात्रों में भी श्रमशीलता की कमी आई है। शिक्षकों को अपने छात्र जीवन और आज के छात्र जीवन में साफतौर पर बदलाव देखने को मिल रहा है। शिक्षक यह भी मान रहे हैं कि आज गुरुजनों को वह सम्मान नहीं मिलता, जो बीते समय में शिक्षक अपने छात्रों से पाते थे।

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