ठेके पर शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव नहीं हो सका पारित

Saturday, Jan 19, 2019 - 04:36 PM (IST)

नई दिल्ली : शिक्षकों के कड़े विरोध और हंगामे के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद में ठेके पर शिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। शुक्रवार को अपराह्न तीन बजे से रात भर चली बैठक में जोरदार हंगामा और विरोध हुआ जिसके कारण बैठक स्थगित करनी पड़ी और ठेके पर शिक्षकों की नियुक्ति के प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकी। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के उपाध्यक्ष सुधांशू कुमार ने बताया कि कार्यकारी परिषद के निर्वाचित सदस्यों ने ठेके पर शिक्षकों की नियुक्ति का इतना विरोध किया कि कुलपति को बैठक स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने आशंका जताई कि विश्वविद्यालय प्रशासन मनमाने तरीके से भी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नियमन 2018 को लागू कर सकता है जो कि गैर लोकतांत्रिक और नियम सहमत नहीं होगा। एकेडमिक फॉर एक्शन एन्ड डेवलमेंट से जुड़े शिक्षक नेता राजेश झा ने कहा कि कार्यकारी परिषद के दो सदस्य कमरे के द्वार पर विरोध स्वरूप लेट गए जिन्हें फांद कर कुलपति को बैठक में भाग लेने के लिए कमरे में प्रवेश किया। श्री झा ने कहा कि छह सदस्यों ने शिक्षकों के मार्च पर हुए पुलिस लाठी चार्ज के खिलाफ ङ्क्षनदा प्रस्ताव भी पेश किया। 

 दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव रे ने कहा कि ठेके पर शिक्षकों की नियुक्ति पेंशन के सवाल पर फिजिकल एजुकेशन जैसे मुद्दों पर हमारा संघर्ष जारी रहेगा और हम इस पर कोई समझौता जारी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे निर्वाचित सदस्यों को जिस तरह सुरक्षा कर्मियों ने घसीटा उसकी हम लोग पुरजोर ङ्क्षनदा करते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी इस बात का फैसला नहीं किया है कि कार्यकारी परिषद की स्थगित बैठक अब दोबारा कब बुलाई जाएगी। कार्यकारी परिषद की बैठक में मंजूरी के बाद ही यूजीसी नियमन 2018 लागू हो सकेगा। 

bharti

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