कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट का री-टेस्ट से इनकार

Wednesday, Jun 13, 2018 - 04:37 PM (IST)

नई दिल्ली : क्लैट परीक्षा को दोबारा कराने और जारी काउंसलिंग को रोकने के लिए डाली गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 13 मई के एग्जाम में कुछ कम्प्यूटरों में ग्लिच आ जाने के कारण हुई दिक्कतों की वजह से देश के 19 राष्ट्रीय न्यायिक विद्यालयों में एडमिशन प्रक्रिया को नहीं रोका जा सकता। 

जस्टिस यूयू ललित और दीपक गुप्ता की बेंच ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस लीगल स्टडी द्वारा गठित ग्रीवेंस रिड्रीसल क मिटी (जीआरसी) को समय कम मिलने वाली छात्रों की शिकायतों पर किसी जारी तरीके से 15 जून तक क्षतिपूर्ति करने को कहा है। जिन छात्रों को तकनीकी खामियों के चलते कम समय मिला है उन्हें उनके द्वारा दिए गए ऑनलाइन टेस्ट के आधार पर क्षतिपूर्ति माक्र्स देने की कमिटी ने सलाह दी है। 258 सेंटर्स पर 54,450 अभ्यर्थियों ने 19 लॉ कॉलेजों में प्रवेश के लिए परीक्षा दी थी। ज्ञात हो कि क्लैट 2018 टेस्ट के बाद 5700 शिकायतें जीआरसी को मिली थीं जिस पर अदालत की बेंच ने कहा कि हम माफी चाहते हैं आपकी एग्जाम को दोबारा कराने की मांग नहीं मानी जा सकती। 

pooja

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