Supreme court का बड़ा फैसला,स्‍कूलों में बिना आधार मिलेगा एडमिशन

Wednesday, Sep 26, 2018 - 04:01 PM (IST)

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने  आधार कार्ड को लेकर आज एक अहम फैसला सुनाया है । कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली के कई स्टूडेंट्स को राहत मिलेगी।सीजेआई दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने आधार की संवैधानिकता को कुछ बदलावों के साथ बरकरार रखा है । सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों के एडमिशन को लेकर कहा कि 6 से 14 साल के बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाने के लिए आधार कार्ड जरूरी नहीं है। उन्होंने कहा कि आधार ना होने की स्थिति में किसी व्यक्ति को अपने अधिकार लेने से नहीं रोका जा सकता। 


UGC, NEET तथा CBSE परीक्षाओं के लिए जरुरी नहीं आधार 
फैसले में सुप्रीम कोर्ट के जज ने कहा कि कंपीटिशन परीक्षाओं का आयोजन करने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, एनटीए अगर आधार कार्ड को जरूरी बनाते हैं तो ये गलत है कि वो ऐसा नहीं कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार से समाज के बिना पढ़े-लिखे लोगों को पहचान मिली है।  साथ ही आधार समाज के हाशिये वाले वर्ग की ताकत है. कोर्ट ने कहा कि आधार का डुप्लीकेट बनाना संभव नहीं है।अब इन परीक्षाओं में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवार बिना आधार कार्ड के भी परीक्षा में भाग ले सकते हैं। हाल ही में एनटीए ने आधार कार्ड की अनिवार्यता से मना कर दिया था।


स्कूलों में एडमिशन के लिए आधार की जरूरत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्कूलों में एडमिशन कराने के लिए अाधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा।सुप्रीम कोर्ट ने कहा किसी ज़रूरतमंद को प्रमाणीकरण की कमी के चलते लाभ से वंचित न किया जाए। स्कूलों में दाखिले के लिए आधार ज़रूरी नहीं है। बच्चों का आधार बनाने के लिए अभिभावक की इजाज़त ज़रूरी, वयस्क होने के बाद वो खुद तय करें।

जस्टिस एके सीकरी ने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि हर चीज बेस्ट हो, कुछ अलग भी होना चाहिए। आधार कार्ड पिछले कुछ साल में चर्चा का विषय बना है। जज ने कहा कि आधार कार्ड गरीबों की ताकत का जरिया बना है, इसमें डुप्लीकेसी की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड पर हमला करना संविधान पर हमला करने के समान है।जस्टिस सीकरी ने कहा कि शिक्षा हमें अंगूठे से हस्ताक्षर की तरफ ले गई, लेकिन एक बार फिर तकनीक हमें अंगूठे की ओर ले जा रही है।

bharti

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