प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन में सुधार के लिए समिति गठित करने के पक्ष में SC

Friday, Jan 11, 2019 - 10:06 AM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने पारदर्शी तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन को लेकर सुझाव देने के लिए इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि और कंप्यूटर विज्ञानी विजय पी भटकर वाली तीन सदस्यीय उच्चाधिकार समिति बनाने की पैरवी की है।           

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह 2017 में एसएससी सम्मिलित स्नातक स्तरीय (सीजीएल) और सम्मिलित उच्च माध्यमिक स्तरीय (सीएचएसएल) परीक्षाओं के परिणाम की घोषणा पर लगी रोक को नहीं हटाने जा रही।  न्यायमूर्ति एस. ए. बोवड़े और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तारीख निर्धारित की। पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण को समिति गठित करने के लिए नीलेकणि और भटकर के अलावा एक नाम सुझाने को कहा। पीठ ने कहा कि तीन सदस्यीय उच्चाधिकार समिति एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने वाली सरकारी संस्थाओं में सुधार के सुझाव देगी।           

भूषण ने कहा कि वह अगले सप्ताह एक नाम सुझाएंगे। अदालत ने केंद्र की ओर से पेश वकील को परीक्षा रद्द करने के बिंदु पर निर्देश लेने का निर्देश देते हुए कहा कि प्रश्न पत्र लीक के लाभार्थियों की पहचान करना कठिन है ।  एसएससी सीजीएल 2017 के प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक हो गए थे, जिसके बाद कई दिनों तक छात्रों ने भारी विरोध किया था।  याचिकाकर्ता शांतनु कुमार ने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त को एसएससी सीजीएल और समन्वित उच्च माध्यमिक स्तरीय (सीएचएसएल) परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी थी।           


 

pooja

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