SUCCESS STORY: समोसे बेचने वाला बन गया CA, मां ने सुनाई संघर्ष की दास्तां

Wednesday, Aug 28, 2019 - 04:27 PM (IST)

नई दिल्ली: कुछ के सपने साकार हो जाते हैं, तो कुछ उसे सच करने की कोशिश में लगे रहते हैं। हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ पर कुछ ऐसा होता है जिससे पूरी कहानी बदल जाती है। बहुत से उम्मीदवार अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं ओडिशा के रहने वाले शशिकांत शर्मा की कहानी। 

ओडिशा के झारसुगड़ा में समोसे बेचकर जिंदगी का गुजारा करने वाले शशिकांत शर्मा ने भी अपनी मेहनत से बड़ा बदलाव हासिल किया। बता दें कि शहर के झंडा चौक में खाने-पीने का सामान बेचने वाले शशिकांत शर्मा ने CA Final Exam पास कर ली है। हर वर्ष आयोजित की जाने वाली यह परीक्षा देश की चुनौतिपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। देश के कई युवा बचपन से इस परीक्षा को पास कर CA बनने का सपना संजोते हैं। 

शशिकांत शर्मा के पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। शशिकांत शर्मा के पिता मंदिर में पुजारी है और वह हर रोज 200 रुपये कमाते है। आर्थिक स्थिति अच्छी न होने की वजह से शशिकांत और उनके बड़े भाई ने मिलकर समोसे बेचने शुरू कर दिए। 

पढ़ाई और करियर 
-शर्मा ने घर के हालातों के चलते भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और 2009 में 10 वीं पास की। इसके पांच साल बाद स्थानीय कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन पूरी की। टीचर की सलाह लेने के बाद शर्मा ने CA का एग्जाम दिया। मामा से उधार लेकर पढ़ाई पूरी की। 

--शर्मा का कहना है कि डिक्शनरी की मदद से उन्होंने इंग्लिश में सुधार किया। घर की आर्थिक हालातों के कारण और पैसों की कमी की वजह से कोचिंग के लिए पैसे नहीं थे।  

-शशिकांत को पांच साल सफलता नहीं मिली लेकिन जब बरसों की मेहनत, दिनरात जागने की तपस्या और हर पल संघर्ष, एक बड़ी सफलता में बदलने   मिड देरी नहीं लगती। 

-शशिकांत शर्मा की मां का कहना है कि उनका बेटा 18 से 19 घंटे पढता है और कई बार खाना भी नहीं खा पाता है। शशिकांत की सफलता उन छात्रों के लिए प्रेरणा है जो CA की परीक्षा से डरते है। 


  

Riya bawa

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