सालों की तैयारी के बाद भी नहीं मिलती इन एग्जाम में सफलता, ये हैं देश की सबसे मुश्किल परीक्षाएं

Monday, Mar 26, 2018 - 04:33 PM (IST)

नई दिल्ली : भारत में बहुत सी परीक्षाएं ऐसी हैं जिन्हें पास करने के लिए स्टूडेंटस सालों मेहनत करते है लेकिन कई बार कठिन परिश्रम के बावजूद भी कइयों को मायूसी हाथ लगती है। वैसे तो भारत को क्वालिटी के हिसाब से अच्छा नहीं माना जाता। छात्र इनमें से कुछ परीक्षाएं ड्रीम जॉब पाने के लिए देते हैं तो कुछ परीक्षाएं देश के टॉप इंस्टीट्यूट में एडमिशन पाने के लिए। हम आपको बता रहे है देश की कुछ एेसी ही कठिन परीक्षाओं के बारे में जिन्हें स्टूडेंट्स सालों की तैयारी के बाद भी नहीं कर पातें 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा
यूपीएससी द्वारा हर साल तीन चरणों- प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में कराई जाने वाली इस परीक्षा मेंलाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं। इस परीक्षा के जरिये भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) सहित अन्य सेवाओं के लिए अधिकारियोंका चयन किया जाता है। कई-कई सालों तक देश के युवा इस परीक्षा की तैयारी में लगे रहते हैं। आईएएस, आईएफएस और आईपीएस की जॉब पाना उनका सपना होता है। 

कैट
कैट के जरिए ही आईआईएम समेत देश के विभिन्न प्रतिष्ठित बिजनेस स्कूलों में दाखिला प्राप्त किया जा सकता है।देश के प्रतिष्ठित IIMs में इस एग्जाम के तहत एडमिशन मिलता है।पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर इसे इंडिया का सबसे चर्चित एग्जाम माना जाता है।मौजूदा समय में देशभर में करीब 20 IIM हैं, जिनमें प्रवेश के लिए यह परीक्षा आयोजित होती है। पिछले साल 2.3 लाख स्टूडेंट ने IIM के लिए अप्लाई किया था।

गेट
इसी  चुनौतीपूर्ण और ऑल इंडिया लेवल की परीक्षा के जरिए देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों (आईआईटी, एनआईटी, आईआईएससी एवं अन्य) में एमटेक, एमई और पीएचडी जैसे मास्टर व डॉक्टोरल कोर्सेज में दाखिला मिलता है।  इसके अलावा देश की बहुत सी पीएसयू (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) कंपनियां भी इसी परीक्षा के जरिए भर्तियां करती हैं। यही नहीं बहुत सी स्कॉलरशिप के लिए भी इसी परीक्षा में मिले अंक  मान्य होते हैं। पिछले साल 8.18 लाख स्टूडेंट ने GATE के लिए अप्लाई किया था।इसमें से सिर्फ 16.5 परसेंट लोग ही पास कर पाए।

आईआईटी-जेईई
इंजीनियर बनना चाह रहा हर छात्र चाहता है कि वह ये परीक्षा पास कर देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी में एडमिशन ले।  देश के तमाम एनआईटी, आईआईआईटी, अन्य केंद्रीय वित्तीय सहायता प्राप्त तकनीकी संस्थानों, इस सिस्टम में शामिल हो चुके राज्यों के संस्थानों और अन्य ढेरों संस्थानों में 12वीं कक्षा में प्राप्तांक और जेईई (मेन) परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर इंजीनियरिंग अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में दाखिला होता है। जेईई (मेन) में प्रदर्शन के आधार पर जेईई एडवांस परीक्षा देने का मौका मिलता है। जेईई एडवांस परीक्षा के जरिए ही देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी के इंजीनियरिंग कोर्सेज में दाखिला लिया जा सकता है। 

एम्स 
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा पास कर यहां से डॉक्टरी करना हर मेडिकल छात्र का ख्वाब होता है। देश के सात एम्स संस्थानों (दिल्ली, भोपाल, भुवनेश्ववर, जोधपुर, पटना, रायपुर और ऋषिकेश) में जाने का गेट पास इसी परीक्षा से मिलता है।  

नीट
नीट यानि  National Eligibility and Entrance Test देश भर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने का सबसे बड़ा एग्जाम है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2012 में इसे All India Pre Medical Test (AIPMT) की जगह लाया गया।यह परीक्षा CBSE की ओर से आयोजित कराई जाती है।मौजूदा समय में देश के करीब 426 कॉलेजों की 63,835 सीटों के लिए NEET की ओर से परीक्षा आयोजित कराई जाती है।

सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंसी परीक्षा)
यह परीक्षा इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) द्वारा आयोजित की जाती है। चार्टर्ड अकाउंटेंसी का कोर्स तीन स्तर पर बंटा हुआ है। इसमें पहला है कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट जिसे सरल भाषा में लोग सीपीटी कहते हैं। दूसरा है, इंटीग्रेटिड प्रोफेशनल काम्पीटेंसी कोर्स (आईपीसीसी) और तीसरी अंतिम परीक्षा होती है। 

क्लैट
लॉ में करियर तलाश रहे छात्रों के लिए ये बेहद महत्वपूर्ण परीक्षा है। क्लैट यानी कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (Common Law Admission Test - CLAT)। देश की प्रतिष्ठित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ से एलएलबी और एलएलएम करने के लिए ये परीक्षा क्रैक करनी होगी। 

नेट
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) साल में दो बार यूजीसी नेट ( National Eligibility Test - NET) परीक्षा आयोजित करता है। यूजीसी के दिशा निर्देश के मुताबिक, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में सहायक प्रोफेसर पद पर आवेदन के लिए न्यूनतम पात्रता मानदंड में नेट पास करना जरूरी है।  11 जुलाई, 2009 से पहले एम. फिल या पीएचडी के लिए पंजीकृत अभ्यर्थी अगर सहायक प्रोफेसर पद की पात्रता के लिए निर्धारित अन्य शर्तों को पूरा करते हैं तो उनके लिए इस पद के लिए अनिवार्य नेट की परीक्षा पास करना जरूरी नहीं।

इंडियन इंजीनियरिंग सर्विसेज
हर साल देश में लाखों इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स आईईएस के नाम से मशहूर इस परीक्षा के लिए बैठते हैं। सिविल, मेकेनिकल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और ईसी एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग से स्टूडेंट्स यह परीक्षा देते हैं। सरकारी सेवाओं में इंजीनियरिंग से जुड़े प्रभावशाली पदों के लिए ये परीक्षा दी जाती है। 

NID Exams
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन को इंडस्ट्रियल, कम्यूनिकेशनल, टेक्सटाइल और आईटी इंट्रेग्रेट डिजाइन के सेक्टर में देश का प्रीमियर इंस्टीट्यूट माना जाता है।
2014 में सेंट्रल गवर्नमेंट की विशेष एक्ट के जरिए NID की स्थापना की गई। मौजूदा समय में NID की ओर से बैचरल ऑफ डिजाइल और मास्टर्स ऑफ डिजाइन और डिप्लोमा कोर्स कराए जाते हैं।मौजूदा समय में अहमदाबाद, बेंगलुरू और गांधीनगर में इसके तीन सेंटर काम कर रहे हैं। वहीं कुरुक्षेत्र, विजयवाडा और जोरहट में भी जल्द ही इसके कैंपस खुलने जा रहे हैं।
 

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