सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर पापा का जज बनने का सपना किया पूरा

Friday, Jul 26, 2019 - 11:12 AM (IST)

नई दिल्ली: जिंदगी में कुछ बनने की चाहत हो तो हर मुश्किल काम भी आसान लगता है। स्कूल सरकारी हो या प्राइवेट, पढ़ाई करने के लिए यह सब मायने नहीं रखता और जरूरी है मेहनत और जनून। सच ही कहा है किसी ने जिस के पास हौसला है उसे मंज़िल मिल ही जाती है। आज एक ऐसी ही शख्सियत की बात करने जा रहे है जिसने गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ाई कर अपने जज बनने का सपना पूरा कर लिया है।  

कैसे पूरी की पढ़ाई 
बता दें कि यह लड़की उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के एक गांव की रहने वाली है उसका नाम सौम्या द्व‍िवेदी है। सौम्या द्व‍िवेदी ने गांव के ही सरकारी स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद इस लड़की ने गांव से पढ़कर एलएलबी करने के लिए बीएचयू में एडमिशन लिया, अभी वो बीएचयू से ही एलएलएम की पढ़ाई कर रही हैं। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यूपीपीसीएस जे की परीक्षा दी थी, इस परीक्षा में उन्होंने 151वां रैंक हासिल किया है। 

सौम्या ने मीडिया से बातचीत के दौरान दस साल पहले उनकी मां आराधना द्विवेदी का देहांत हो गया था, तब से उनके पिता उनकी देखभाल कर रहे हैं। 
सौम्या की एक बड़ी बहन है, जिसकी शादी हो चुकी है। वो कहती हैं कि मेरे पापा डॉ दिनेश द्विवेदी एक शिक्षक हैं, इसलिए मैं उनकी ही तरह एक शिक्षक बनना चाहती थी। मगर पापा मेरे लिए अलग ही सपना देखते थे, वो हमेशा से चाहते थे कि मैं एक बड़ी जज बनूं। इसीलिए मैंने इस दिशा में अपनी तैयारी शुरू कर दी।

जज बनना थी पापा की ख्वाहिश
सौम्या ने कहा कि जज बनना पापा की ख्वाहिश है जो मैंने पूरी कर दी। मैं फिर भी एक बार कोशिश करूंगी कि मैं एकेडमिक्स में जाऊं। फिलहाल कानून के क्षेत्र में तो मैं आईपीआर या आर्बीटेशन लॉ की ओर करियर बनाना चाहूंगी। आज जब एक जज के तौर पर सोचती हूं तो मुझे लगता है कि इस देश की न्यायिक प्रक्रिया में वैसे कोई बुराई नहीं है। 

सौम्या ने कहा कि मैं चाहती हूं कि जैसे इस बार ज्यूडिशरी की परीक्षा में लड़कियां और लड़कों का अनुपात करीब बराबर आया है, वैसा ही पूरे सिस्टम में सुधार आना चाहिए। इस क्षेत्र में महिलाओं को आगे आने की जरूरत है।

Riya bawa

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