UGC का डिस्टेंस मोड से PhD करने वाले स्टूडेंट्स को बड़ा झटका

Monday, Mar 20, 2017 - 02:42 PM (IST)

नई दिल्ली : यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने डिस्टेंस मोड से पीएचडी करने वाले स्टूडेंट्स को बड़ा झटका दिया है। यूजीसी के मुताबिक, अब स्टूडेंट्स को डिस्टेंस मोड से पीएचडी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इस मामले में यूजीसी ने कहा कि पीएचडी रेग्यूलर मोड से की जाती है। इस संबंध में यूजीसी के सेक्रेटरी प्रोफेसर जसपाल संधू की ओर से नोटिस जारी किया गया है जिसमें देशभर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में पीएचडी रेग्यूलर मोड से कराने की बात कही गई है।

डिस्टेंस मोड से पीएचडी करने पर उठे थे सवाल
यूजीसी ने नोटिस में कहा है कि टीचर्स और बाकी अकेडेमिक पोस्ट की अपॉइंटमेंट के लिए मिनिमम क्वॉलिफिकेशन और हायर एजुकेशन के स्टैंडर्ड को बनाए रखने के लिए 2010 के चौथे संशोधन को 11 जुलाई 2016 गजेट में नोटिफाई किया गया है और कहा गया है कि पीएचडी रेगूलर  होनी चाहिए।

यूजीसी ने कहा है कि अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स से उसे सवाल पूछे जा रहे हैं कि रेग्युलर मोड की परिभाषा क्या है। यूजीसी सेक्रटरी का कहना है कि 22 फरवरी को इसे लेकर मीटिंग की गई और इस मामले पर विचार किया गया। मीटिंग में तय किया गया कि रेग्युलर मोड की परिभाषा को साफ किया जाए। पीएचडी डिग्री, जो कि फुल टाइम या पार्ट टाइम प्रोग्राम के तहत हासिल करने की कोशिश की गई है, तभी रेग्युलर मोड से मानी जाएगी, अगर वो डिग्री देने वाली यूनिवर्सिटी के ऑर्डनेंस और बायलॉज के अनुसार हो। इसके अलावा डिस्टेंस एजुकेशन मोड से मिली पीएचडी मान्य नहीं होगी। यूजीसी के इस फैसले से एक बार डिस्टेंस मोड के स्टूडेंट्स उलझन में हैं। इस ऐकडेमिक सेशन के जो स्टूडेंट्स फॉर्म भर चुके हैं या भरने वाले हैं, उनके लिए भी अब साफ स्थिति नहीं है।

इससे पहले यूजीसी ने एक सर्कुलर जारी किया था कि दो महीने के अंदर सभी पीएचडी स्कॉलर्स की जानकारी सभी इंस्टिट्यूशंस वेबसाइट में अपलोड करें। इस रिपोर्ट में फैकल्टी, डिपार्टमेंट, सुपरवाइजर का नाम, पीएचडी स्कॉलर का नाम और आधार कार्ड नंबर, पीएचडी का मोड यानी रेग्युलर या डिस्टेंस, रजिस्ट्रेशन नंबर, रजिस्ट्रेशन डेट, रिसर्च टॉपिक, पीएचडी पूरी करने का संभावित डेट या कोई फेलोशिप मिल रही है या नहीं, ये सभी जानकारी देना अब जरूरी है। यूनिवर्सिटी को इस इन्फर्मेशन के देने के अलावा हार्ड कॉपी भी भेजनी होगी।
 

Advertising