विद्यार्थियों के मन में कई सवाल होते हैं करियर को लेकर, पढ़ें

Sunday, Aug 06, 2017 - 03:24 PM (IST)

नई दिल्ली : करियर को लेकर विद्यार्थियों के मन में कई सवाल होते हैं जैसे कौन-सी स्ट्रीम चुनें, प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिला लें या पारंपरिक डिग्री हासिल करें इत्यादि। लेकिन अगर किसी विशेषज्ञ की सलाह ली जाए तो काउंसेलर की मानें तो करियर की दिशा चुनते वक्त आपको दो बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-क्षमता और रुचि। यदि आप इन बातों की तह तक पहुंच गये, तो आप अपने क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर सकते हैं।

मेडिकल 
बायो के साथ 10+2 लेने वाले छात्रों का पहला करियर विकल्प मेडिकल होता है। एक बात समझना आवश्यक है। कई छात्र मेडिकल में करियर बनाने की चाह में चीन, रूस इत्यादि से मेडिकल की डिग्री लेकर आते हैं। ध्यान रहे, भारत में केवल वही मेडिकल डिग्री मान्य है, जो मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्य है। यदि आप देश से बाहर से कोई मेडिकल की डिग्री लेकर आते हैं, तो आपको पुन: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना होगा, अन्यथा आपकी डिग्री अवैध हो जायेगी। कहने की आवश्यकता नहीं कि भारतीय मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए सीबीएससी द्वारा प्रत्येक वर्ष ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट का आयोजन किया जाता है, जिसके आधार पर सरकारी-पोषित व निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला लिया जा सकता है।

डेंटिस्ट 
बायो के साथ 10+2 उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के लिए डेंटिस्ट (दांतों का डॉक्टर) भी एक उत्तम कैरियर विकल्प है। चार वर्षीय बैचलर इन डेंटल सर्जरी करने के बाद यदि आप इसमें मास्टर्स कर लें तो फिर पीछे मुड़कर देखने की आवश्यकता नहीं होगी। मान्य संस्थानों की अद्यतन जानकारी डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के वेबसाइट पर उपलब्ध है। निजी संस्थानों के अतिरिक्त सरकारी संस्थानों में बीडीएस में दाखिले के लिए भी सीबीएससी द्वारा आयोजित ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट को उत्तीर्ण करना आवश्यक है।

बायोटेक्नोलॉजी 
रिसर्च और तकनीक से यदि आपका लगाव हो, तो बायोटेक्नोलॉजी का क्षेत्र आपको एक स्थायी कैरियर विकल्प दे सकता है। फार्मा कंपनियों में निरंतर बायो तकनीक विशेषज्ञों के लिए रिक्तियां निकलती रहती हैं। इस विषय को लेकर दो प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं- तीन वर्षीय बीएससी इन बायोटेक्नोलॉजी और चार वर्षीय बीटेक इन बायोटेक्नोलॉजी। कैरियर के लिहाज से इनमें से किसी पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद एमबीए करना बेहतर होगा, ताकि आपको तकनीकी ज्ञान के साथ साथ प्रबंधन कौशल भी आ सके।

अल्टरनेटिव मेडिसिन 
एमबीबीएस के अतिरिक्त होमियोपैथी, यूनानी, आयुर्वेद जैसे अन्य कैरियर विकल्प भी हैं, जो आपको एक डॉक्टर के रूप में स्थापित कर सकते हैं। बैचलर इन आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी, बैचलर इन होमियोपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी के अतिरिक्त नेचुरोपैथी, योग, फिजियोथेरपी जैसे पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जिनको आप अपनी रुचि के अनुसार चुन सकते हैं।

नर्सिग 
नर्सिग का क्षेत्र उन चुनिंदा क्षेत्रों में है, जिन में कभी भी रोजगार के अवसर कम नहीं होंगे। इस क्षेत्र में कई पाठ्यक्रम हैं, जैसे एक वर्षीय ऑक्जिलियरी नर्सिग मिडवाइफरी यानी एएनएम से लेकर चार वर्षीय बीएससी नर्सिग तक। मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची काउंसिल की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इंडियन नर्सिग काउंसिल डॉट ओआरजी पर उपलब्ध है।

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