हाजिरी के दौरान छात्रों के ‘जय हिंद या जय भारत’ कहने के फरमान पर भाजपा- विपक्ष का वाक युद्ध
Wednesday, Jan 02, 2019 - 11:10 AM (IST)
अहमदाबाद: गुजरात की भाजपा नीत सरकार द्वारा सभी स्कूलों से यह सुनिश्चित करने को कहने पर विवाद हो गया है कि कक्षा में हाजिरी के दौरान छात्र ‘यस सर’ की जगह ‘जय हिंद’ या ‘जय भारत’ बोलें। विपक्ष ने दलील दी है कि इस कदम से ‘शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव नहीं होगा।’’
राज्य के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा ने मंगलवार को कहा कि यह कदम ‘देशभक्ति की भावना को पैदा’ करेगा, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने सरकार से ‘शिक्षा की बदतर होती गुणवत्ता में’ सुधार लाने को कहा। ’ सरकार की आलोचना करते हुए प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख अमित चावड़ा ने कहा कि नई व्यवस्था सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव नहीं लाएगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशालय और गुजरात उच्च एवं उच्चतर शिक्षा बोर्ड (जीएसएचएसईबी) की ओर से सोमवार (31 दिसंबर) को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सरकारी, सहायता प्राप्त, स्व वित्तपोषित स्कूलों के कक्षा एक से 12वीं तक के छात्र एक जनवरी से हाजिरी के दौरान नाम पुकारे जाने पर ‘जय ङ्क्षहद’ या ‘जय भारत’ कहें।
अधिसूचना कहती है कि नई व्यवस्था का मकसद छात्रों में ‘‘बचपन से ही देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देना है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने स्कूली छात्रों में देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए कई प्रयास किए हैं। चावड़ा ने आरोप लगाया कि गुजरात में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है। शिक्षा की गुणवत्ता कई कम विकसित राज्यों से भी बदतर है। गुजरात में प्राथमिक शिक्षा का स्तर पिछले कई सालों में काफी गिरा है। भाजपा सरकार गुणवत्ता सुधारने के नाम पर सिर्फ बात कर रही है और कार्यक्रम ला रही है। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि गुजरात के बच्चों और युवाओं को अपनी देशभक्ति व्यक्त करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है क्योंकि ‘‘यह उनके खून में है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार को शिक्षा की गिरती गुणवत्ता में सुधार लाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। पटेल ने कहा, ‘‘ शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के बजाय शिक्षा मंत्री गुजरात के बच्चों और युवाओं को देश भक्ति सिखाने की बात कर रहे हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि यहां सब देशभक्ति की भावना के साथ पैदा होते हैं।’’
पाटीदार नेता ने कहा, ‘‘ यह सही मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश है। स्कूल बंद किए जा रहे हैं। शिक्षकों की कमी एक अहम मुद्दा है।’’ भाजपा और विपक्षी पार्टियां वाक युद्ध में उलझे हैं। इस कदम पर ने छात्रों से बातकर उनकी राय जानने की कोशिश की। एक छात्र ने कहा, ‘‘ (जय ङ्क्षहद या जय भारत) बहुत अच्छी धारणा है। एक भारतीय होने के नाते, जय भारत कहना हमें अपने महान देश के लिए गर्व की भावना से भर देता है। यह मुझे स्वतंत्रता के लिए हमारे देश के संघर्ष के गौरवशाली इतिहास की याद दिलाता है।’’
निजी स्कूल के अन्य छात्र ने कहा, ‘‘ हमें हमारे देश के स्वतंत्रता संघर्ष पर गर्व है। यह धारणा बहुत अच्छी है और देश के सभी स्कूलों में इसे स्वीकार किया जाना चाहिए।’’ इस बीच शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार को ‘अच्छे सुझाव’ स्वीकार करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘ जय भारत और जय हिंदु, ‘यस सर’ से कहीं बेहतर है। जय ङ्क्षहद या जय भारत कहने से देश भक्ति की भावना पैदा होगी जिस लिए मैंने यह बदलाव करने का निर्णय किया।’’ मंत्री ने कहा कि सीबीएसई और अन्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों से भी नए दिशा-निर्देशों का अनुसरण करने को कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ स्थानीय निजी स्कूलों ने कहा है कि राज्य सरकार का यह अच्छा निर्णय है।’’