यूपी बोर्ड परीक्षा में सख्ती के कारण अब तक 6,33,212 परिक्षार्थियों ने छोड़ी परीक्षा

Friday, Feb 09, 2018 - 01:37 PM (IST)

नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट बोर्ड की परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए की गई सख्ती की वजह से अब तक 6,33,217 परीक्षार्थियों ने परीक्षा को बॉय-बॉय कर दिया जबकि अब तक कुल 182 नकलची पकडे गये। आधिकारिक सूत्रों ने  बताया कि प्रदेश में हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षा को आज और 19,468 परिक्षार्थियों को छोड़ दिया जिसमें हाईस्कूल के 297 और इंटरमीड़एिट के 19171 परिक्षार्थी शामिल हैं। परीक्षा के पहले दिन कुल 289308 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोडी जिसमें हाईस्कूल के 69201 और इंटरमीडिएट के 220107 परीक्षार्थी शामिल हैं जबकि परीक्षा के दूसरे दिन 215761 परिक्षार्थियों में हाईस्कूल के 214265 और इंटरमीड़एिट के 1496 परीक्षार्थी शामिल है। इस प्रकार छह फरवरी से शुरू हुई हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा को अब तक 6,33,217 परिक्षार्थियों ने बॉय-बॉय कर चुके हैं ।

उन्होंने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में तीन दिन के दौरान अब तक कुल 182 नकलची पकडे गये। आज नकल करते हुए कुल 38 परीक्षार्थी पकड़े गये । हाईस्कूल में 11 जिसमें छह छात्र और पांच छात्राएं हैं जबकि इंटरमीडिएट में 27 जिसमें 11 छात्र और 16 छात्राएं शामिल हैं। परीक्षा के पहले दिन कुल 16 परिक्षार्थी अनुचित साधानों का प्रयोग करते पकड़े गये जिसमें हाईस्कूल की छह छात्राएं और इंटर के सात छात्र एवं तीन छात्राएं शामिल हैं। दूसरे दिन कुल 128 परीक्षार्थी नकल करते पकडे गये हैं। इनमें हाईस्कूल के 71 छात्र और 21 छात्राएं शामिल है जबकि इंटरमीडिएट के 31 छात्र और पांच छात्राएं शामिल हैं । सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उप मुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डा0 दिनेश शर्मा छात्रों के भविष्य को लेकर गंभीर है। वह नकल कर परीक्षा पास करने के खिलाफ हैं और इसीलिए उनके निर्देश के बाद बोर्ड नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए कटिबद्ध है।  उन्होंने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा में 66 लाख 37 हजार 18 परीक्षार्थियों ने पंजीकरण किया है। परीक्षा को पूरी शुचिता एवं पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराये जाने के लिए पहली बार सभी केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में परीक्षा करायी जा रही है । समुचित निगरानी रखने के लिए गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष परीक्षा केन्द्रों में भी कटौती की गयी है।

Advertising