बच्चें की निजी जानकारियों की सुरक्षा के लिए बने कड़े प्रावधान

Tuesday, Jul 31, 2018 - 10:26 AM (IST)

नई दिल्ली: सूचनाओं की गोपनीयता सुरक्षा को लेकर बनी उच्चस्तरीय न्यायमूर्ति श्रीकृष्ण समिति ने बच्चों की निजी जानकारियों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधानों की वकालत की है। समिति ने सुझाव दिया है कि सूचनाओं का संग्रह करने वाले लोगों को ऐसे आंकड़ों का जिम्मेदार अभिभावक माना जाए और उन्हें बच्चों के लिए नुकसानदेह हो सकने वाली निजी सूचनाओं के प्रसंस्करण, ट्रैकिंग, लक्षित विज्ञापन देने आदि से रोका जाना चाहिए। 

समिति के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के हर व्यक्ति को सूचनाओं के संग्रहण के संदर्भ में बच्चा माना जाएगा। सूचना संरक्षण विधेयक के प्रस्तावित ड्रॉफ्ट में समिति ने कहा कि जिम्मेदार अभिभावक बच्चों पर केंद्रित विज्ञापन, उनके व्यवहार की निगरानी, प्रोफाइङ्क्षलग या ट्रैकिंग से रोका जाए और उन्हें निजी सूचनाओं के ऐसे प्रसंस्करण से भी रोका जाए जो बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हों। 

समिति ने कहा कि यह नुकसान भौतिक या प्रतिष्ठा की हानि हो सकता है या पहचान का जोखिम भी हो सकता है। समिति ने कहा कि प्रस्तावित भारतीय सूचना संरक्षण प्राधिकरण (डीपीएआई) के पास सूचनाओं के लिए जिम्मेदार ऐसे व्यक्तियों को अधिसूचित करने का अधिकार होना चाहिए जो बच्चों पर केंद्रित व्यावसायिक वेबसाइट या ऑनलाइन सेवाओं का परिचालन करते हों या अभिभावक तुल्य जिम्मेदार व्यक्ति के नाते भारी मात्रा में बच्चों की सूचनाओं का प्रसंस्करण करते हों। सूचनाओं को रखने वाले बच्चों से जुड़े आंकड़ों के जिम्मेदार लोगों में यू-ट्यूब किड्स एप, हॉट व्हील्स, वाल्ट डिज्नी फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि हैं। समिति ने बच्चों से जुड़ी जानकारी के आंकड़ों की सुरक्षा के लिए कड़े उपायों पर जोर दिया है। 

pooja

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