आईआईटी में नए शैक्षणिक सेशन से लड़कियों को मिलेगा स्पेशल बेनिफिट

punjabkesari.in Monday, Dec 11, 2017 - 01:29 PM (IST)

नई दिल्ली: आईआईटी ( भारत प्रौद्यौगिकी संस्थानों) में अगले  शैक्षणिक सत्र से लड़कियों के लिए एडमिशन के बेहतर मौके होंगे। नई व्यवस्था के तहत आईआईटी में लड़कियों के लिए 6 फीसदी अतिरिक्त सीटें रखीं जाएंगी।  इससे लड़कियों के लिए करीब छह सौ अतिरिक्त सीटों का इजाफा होगा।

अभी तक कम है संख्या
पिछले साल आईआईटी संस्थानों में लड़कियों की घटती संख्या पर ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड (जैब) ने चिंता जताई थी। इसके लिए जैब ने एक पैनल गठित किया था जिसका काम संस्थानों में छात्राओं की संख्या बढ़ाने को लेकर सुझाव देना था। आईआईटी काउंसिल ने बीटेक कोर्स में लड़कियों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया था। इसके तहत अगले तीन सालों में लड़कियों की सीटें 20 फीसदी तक की जाएंगी। आईआईटी में अभी बीटेक कोर्स में करीब दस हजार सीटें हैं लेकिन लड़कियों की संख्या इनमें महज आठ फीसदी यानी 800 के करीब है। 

हर साल सीटों में होगा इजाफा
मानव संसाधन मंत्रालय के अनुसार इन सीटों को सुपरन्यूमेरी सीट कहा जाएगा और हरेक साल इन सीटों में बढ़ोतरी की जाएगी। इन सीटों की वजह से छात्राओं के लिए पहले से तय की गई सीटों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। नया बदलाव आने वाले आठ सत्रों तक लागू रहेगा।इसके साथ ही किसी भी छात्रा द्वारा छोड़ी गई कोई भी सीट छात्रा को ही दी जाएगी।  

2019 में इतनी होगी बढ़ोतरी
मंत्रालय के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के दौरान सीटों में तीन फीसदी का और इजाफा किया जाएगा तथा 17 फीसदी सीटें लड़कियों के लिए हो जाएंगी। इसके बाद तीसरे वर्ष 2020-21 के दौरान तीन फीसदी और बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा। लेकिन हर बार नई सीटें सृजित की जाएंगी।

छात्राओं की संख्या बढ़ाने की कवायद
आईआईटी में छात्राओं की घटती संख्या को बढ़ाने के लिए कई कवायद की जा रहीं हैं। सीटों की संख्या बढ़ाने के अलावा पांच आईआईटी ने होनहार छात्राओं की फीस भी माफ करने का फैसला किया है। आईआईटी मंडी ने छात्राओं की कुछ फीस माफ करने के साथ ही उन्हें 10 हजार का मंथली स्कॉलरशिप भी प्रदान करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा आईआईटी दिल्ली, वाराणसी, मुंबई और रोपर ने भी छात्राओं को फीस ने कुछ हद तक छूट देने का फैसला किया है। आईआईटी दिल्ली के अनुसार समान मौके मिलने पर छात्राएं छात्रों की तुलना में संस्थानों में बेहतर परिणाम ला रही हैं। 


 


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