स्कूलों में पांचवीं तक के बच्चों को संथाली भाषा ओलचिकी लिपि में भी मिलेगी शिक्षा

Friday, Feb 15, 2019 - 10:29 AM (IST)

पाकुड़: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बृहस्पतिवार को यहां कहा कि राज्य की संस्कृति और भाषा उसकी पहचान है लिहाजा संथाल परगना की पहचान कायम रखने के निमित्त संथाल के सभी सरकारी कार्यालयों का हिंदी के साथ-साथ संथाली भाषा यानी ओलचिकि लिपि में भी नाम दर्ज किया जाएगा।  मुख्यमंत्री दास ने बताया कि झारखंड की संस्कृति और भाषा उसकी पहचान है। जिस भाषा, संस्कृति को बचाने के लिए संथाल के वीरों ने संघर्ष किया। सरकार उसका संरक्षण और संवर्धन करने के प्रति प्रतिबद्ध है। इस निमित्त संथाल परगना के सभी सरकारी कार्यालयों का नाम हिंदी के साथ-साथ संथाली भाषा यानी ओल चिकि लिपि में भी दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा स्कूलों में बच्चों को 1 से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई संथाली भाषा ओलचिकी लिपि में भी करायी जाएगी।

 राज्य सरकार ने इसके लिए संथाल परगना के सभी जिलों के उपायुक्त को यह निर्देश दिया है कि वे इस लिपि के शिक्षक को तत्काल संविदा पर नियुक्त करें। उन्हें प्रति घंटी के अनुसार 125 रुपये का भुगतान कर संथाल परगना के नौनिहालों को उनकी ही भाषा में शिक्षा देने की व्यवस्था करें।  दास ने पाकुड़ में आयोजित मुख्यमंत्री सुकन्या योजना जागरूकता कार्यक्रम में यह निर्देश दिये।  सुकन्या योजना के बारे में दास ने कहा ने कहा कि सुकन्या योजना मात्र एक योजना नहीं है बल्कि महिला सशक्तिकरण को केंद्र बिंदु बनाकर इसे लागू किया गया है, ताकि कन्या भ्रूण हत्या रुके, बाल विवाह पर लगाम लगे, राज्य की बच्चियां शिक्षा से आच्छादित हों और सही समय, सही उम्र में उनका विवाह हो सके।

pooja

Advertising