पदों को घटाने का अधिकार माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को नहीं: हाईकोर्ट

Wednesday, Nov 28, 2018 - 10:04 AM (IST)

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि इंटर कॉलेजों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापित पदों को माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को घटाने का अधिकार नहीं हो सकता है और कोर्ट ने बोर्ड को नियमानुसार विज्ञापित पदों के सापेक्ष 25 प्रतिशत अधिक अभ्यर्थियों का पैनल बनाने का निर्देश दिया है।   

न्यायालय ने कहा है कि सिर्फ पैनल में नाम शामिल होने से सभी को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं मिल जाता है। नियुक्तियां उपलब्ध पदों के सापेक्ष ही होंगी लेकिन बोर्ड विज्ञापित पदों में कमी नहीं कर सकता है।   

 

न्यायाधीश अश्विनी कुमार मिश्र ने संजय कुमार एवं 15 अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर यह आदेश दिए है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा ने पक्ष रखा। चयन बोर्ड ने प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के 909 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। बाद में इन पदों की संख्या घटाकर 720 कर दी गई। याची अधिवक्ता का कहना था कि बोर्ड को विज्ञापित पदों में कमी करने का अधिकार नहीं है। बल्कि नियम 12 (8) के तहत विज्ञापित पदों के सापेक्ष अधिक अभ्यर्थियों का पैनल गठित होना चाहिए। इस पैनल में चयनित अभ्यर्थियों में सबसे अधिक मेरिट वाले को नियुक्ति दी जाएगी।  

 

 
चयन बोर्ड के अधिवक्ता का कहना था कि वास्तव में विज्ञापित पदों से भी कम सीधी भर्ती के लिए उपलब्ध हैं। कुल पदों में से बहुत से पद नियमितीकरण आदि में समायोजित हो जाते हैं। बड़ा पैनल में शामिल सभी उम्मीदवारों को नियुक्ति नहीं मिल पाती । जिससे उनको मायूस होना पड़ता है । इससे बचने के लिए पदों की संख्या में कमी की गई है। लेकिन कोर्ट इस दलील से सहमत नहीं थी।   न्यायालय का कहना था कि चयन बोर्ड नियम 12(8) के तहत चयन प्रक्रिया अपनाने को बाध्य है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि 4 सप्ताह में बोर्ड संशोधित पैनल तैयार करे, लेकिन इस पैनल में उतने ही अब्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी जितने पद उपलब्ध हैं।

pooja

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