Resume में की गई इन गलतियों के कारण रिजेक्ट हो जाते है लोग

Tuesday, Aug 07, 2018 - 06:13 PM (IST)

नई दिल्ली : जब भी हम किसी जगह जॉब के लिए जाते है तो हमारा रिज्यूम ही हमारी पहचान होता है,क्योंकि रिज्यूम को देखकर ही नियोक्ता आपके बारे  में बहुत कुछ जान लेता है।आज कल सोशल मीडिया के प्रभाव में रिक्रूटमेंट को बदल कर रख दिया है, लेकिन रेज्यूमे की अहमियत अब भी बरकरार है। हालांकि सीमित पदों के लिए आने वाले ढेरों रेज्यूमे पर हायरिंग मैनजर्स कम समय (लगभग 30 सैकंड एक रेज्यूमे पर दे पाते हैं। एेसे में जरुरी है रिज्यूम बनाते समय कोई भी गलतियां करने से बचा जाएं। आइए जानते है कुछ एेसी गलतियों के बारे में 

खराब अंग्रेजी 
रिज्यूमे में अगर आपने स्पेलिंग्स या ग्रामर में गलतियां की हैं तो रिक्रूटर समझता है कि आपने इसे जल्दबाजी में बनाया है। इससे आपकी एकाग्रता का अंदाजा लगाया जाता है। जब भी रिज्यूमे बनाएं, खुद पढ़ें और दूसरों को भी एक बार पढ़ने को दें। इससे जो गलतियां छूटी हैं उनमें करेक्शन हो पाएगा।

फोटोग्राफ 
हर प्रोफाइल के लिए रेज्यूमे में फोटो लगाना जरूरी नहीं है। वैसे भी अब ज्यादातर रिक्रूटर्स कैंडिडेट्स को सोशल मीडिया पर चेक करते हैं। साथ ही अधिकांश कंपनियां स्किल्स, एजुकेशन और वर्क एक्सपीरियंस के आधार पर रिक्रूटमेंट करती हैं। इसलिए  फोटो लगाने में समय व्यर्थ न करें । 

जॉब्स का जिक्र 
कई लोग रिज्यूम बनाते समय अपनी सभी जॉब्स का उल्लेख कर देते हैं। जबकि करियर के शुरुआती दौर में कई जॉब ऐसे होते हैं जो मौजूदा प्रोफाइल से मेल नहीं खाते। एेसे में रिक्रूटर आपका रेज्यूमे छोड़ उन रेज्यूमे की तलाश करता है जिनकी वर्क हिस्ट्री उनके मौजूदा प्रोफाइल से मेल खाती है। 

लंबा कंटेंट 
अगर आपका रिज्यूमे दो पेज से ज्यादा लंबा है तो रिक्रूटर उसे नहीं पढ़ेंगे क्योंकि एक पद के लिए कई कैंडिडेट्स अप्लाई करते हैं ऐसे में लंबे रिज्यूमे को समय दे पाना मुश्किल होता है। एेसे में कोशिश करें कि आपका रिज्यूम एक पेज से ज्यादा का न हो। 

गलत तारीख
रिज्यूमे में किसी भी नौकरी की जॉइनिंग और रिलीविंग डेट्स सही होनी चाहिए। गलत तारीख होने पर लगता है कि आप अपने पिछले एम्प्लॉयमेंट के बारे में कुछ छिपाना चाहते हैं। जिससे हायरिंग मैनेजर आप पर संदेह करने लगता है। 

लंबी एजुकेशन टाइमलाइन
एजुकेशन टाइमलाइन को छोटा रखें। इसमें स्कूल के बाद यूजी, पीजी का जिक्र करें क्योंकि कई बार आपकी नौकरी का आधार मार्क्स नहीं स्किल्स होती हैं। हर सब्जेक्ट के मार्क्स अलग से लिखने की जरूरत नहीं है। 
 

bharti

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