एग्जाम वारियर्स के उर्दू संस्करण का विमोचन

Saturday, Sep 15, 2018 - 06:49 PM (IST)

नई दिल्ली : बोर्ड परीक्षा की तैयारियों और छात्रों को तनाव से बचने के गुर बताने वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक‘एग्जाम वारियर्स’के उर्दू संस्करण का आज विमोचन किया गया। इस पुस्तक का पन्द्रह भाषाओं में प्रकाशन हो रहा है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर , अल्पसंख्यक  मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जीतेन्द्र सिंह ,फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली, जाने-माने अभिनेता रिषी कपूर और अन्नू कपूर ने एक समारोह में एग्जाम वारियर्स का विमोचन किया ।   

जावडेकर ने कहा कि मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने छात्रों में परीक्षा के कारण होने वाले तनाव के बारे में पुस्तक लिखी है। श्री मोदी के अंदर एक शिक्षक छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के प्रयास से शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाया गया है और शोध पर विशेष ध्यान दिया गया है ।  उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा गरीब छात्रों को छात्रवृति दी जा रही है। सरकार शिक्षा रिण पर भी छह साल तक ब्याज की भरपाई करती है और अब इसका लाभ आठ लाख छात्रों को मिल रहा है जिसे तीन साल में बढाकर 10 लाख छात्रों को देने का लक्ष्य रखा गया है।  

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि एग्जाम वारियर्स सीधे संवाद के अंदाज में लिखी गई है जो छात्रों के लिये काफी उपयोगी साबित होगी इस किताब में कई ऐक्टिविटी खंड भी हैं। किताब को रोचक बनाने के लिए चित्रों का इस्तेमाल किया गया है। ’’नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महात्मा गांधी की सभी तबकों के विकास की नीति और सरदार पटेल के राष्ट्रीय एकता के जका्बे के साथ काम कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि उर्दू में प्रकाशन के बिना इस पुस्तक का मकसद अधूरा रहता। पुस्तक को ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने इसकी कीमत कम करने का सुझाव दिया। 

रिषी कपूर ने कहा कि उन्होंने फिल्मों से उर्दू सिखी है और इसके माध्यम से ही फिल्मों में उन्हें सफलता मिली है । उन्होंने कहा कि माता-पिता बच्चों पर अच्छे अंक अर्जित करने के लिए दबाव बनाते हैं जिससे वे तनाव में आ जाते हैं । इस पुस्तक के माध्यम से छात्रों को तनाव में बचने के उपायों का पता चलेगा। उनके जमाने में ऐसी पुस्तकों का अभाव था।   अन्नू कपूर ने कहा कि उर्दू देश में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है और इसे धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए । 

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