ऑस्ट्रेलियाई स्कूलों का अहम फैसला, स्कूल में शार्ट्स, पैंट पहन सकेंगी लड़कियां

Monday, Jul 16, 2018 - 09:05 AM (IST)

नई दिल्लीः हमारे देश में जहां आज भी लड़कियों के ड्रेस कोड को लेकर आए दिन नए फरमान सुनाए जाते हैं वहीं ऑस्ट्रेलियाई स्कूलों ने लड़कियों के कंफर्ट जोन के बारे में सोचते हुए ड्रेस कोड को लेकर एक आदेश दे दिया है। जिसे वहां ज्यादातर स्कूल को फॉलो करना है। दरअसल ऑस्ट्रेलियाई स्कूलों में यूनिफार्म में सुधार लाया गया है। जहां अगले साल लड़कियां को उनकी जरूरत और प्राथमिकताओं के अनुसार शॉर्ट्स और पैंट पहनने की अनुमति दी जाएगी।

न्यूज एजैंसी 'Xinhua' की रिपोर्ट के अनुसार, क्वींसलैंड राज्य शिक्षा मंत्री ग्रेस ग्रेस ने कहा, "हम जानते हैं कि लगभग 60% स्टेट स्कूल पहले से ही लड़कियों को इन यूनिफार्म के विकल्पों का प्रस्ताव दे रहे हैं, लेकिन हमने पाया कि कुछ स्कूलों ने कई सालो में अपने ड्रेस कोड को अपडेट नहीं किया है।

ग्रेस ने कहा "क्वींसलैंड की सभी लड़कियों को खेल और क्लास की एक्टिविटीज में शामिल होने में सक्षम होना चाहिए और उन्हें इस बात की चिंता किए बिना कि उन्होंने क्या पहना है, स्कूल तक बाइक चलाकर आने और जाने के लिए सक्षम होना चाहिए।  ग्रेस ने कहा कि नए ड्रेस कोड पर हितधारकों के साथ परामर्श और पूरी समीक्षा के बाद सहमति बनी है।

 

राज्य के स्ट्रेटन स्टेट कॉलेज के एक्जुकेटिव प्रिंसीपल जान मारेस्का ने कहा, "हमने पूरे स्कूल समुदाय के साथ बातचीत करने  के बाद पाया कि हमारी प्राथमिक स्कूल की आधी बच्चियां स्कर्ट पहनकर स्कूल नहीं आना चाहती हैं। वह उसमें कंफर्टेबल महसूस नहीं करती हैं।

 

जिसके बाद जान मारेस्का ने अपने स्कूल के यूनिफार्म में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी हमारे स्कूल आकर अब देख सकता है कि लड़कियां तनावमुक्त होकर फुटबाल को किक मार रही हैं, हैंडबाल खेल रही हैं, पेड़ के नीचे लेटकर बेफिक्र किताबें पढ़ रही हैं। उन्हें इस बात की बिल्कुल चिंता नहीं है कि क्या पहना है। वहीं हम चाहते हैं लड़कियों वही कपड़े पहने जिसमें वह खुद को फ्री महसूस करें।

 

बता दें, जहां ऑस्ट्रेलिया लड़कियों को फ्री महसूस करवाने के लिए ड्रेस कोड में बदलाव किया गया है वहीं कुछ दिन पहले पुणे के एक स्कूल में ड्रेस कोड के फरमान पर बवाल मच गया था। स्कूल ने छात्राओं को एक खास रंग का इनरवीयर पहनने का फरमान जारी किया है। इससे गुस्साए अभिभावक स्कूल पर कार्रवाई की मांग करते हुए शिक्षा विभाग पहुंच गए थे।

Sonia Goswami

Advertising