निजी विश्वविद्यालय छात्रों से वसूल रहा मनमानी फीस

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2017 - 10:22 AM (IST)

शिमला: ए.बी.वी.पी. के प्रांत संयोजक चेतन गुलेरिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षा प्रणाली खतरे में है। प्रदेश में निजी विश्वविद्यालयों में लूट मची है और सरकार खामोश है। गुलेरिया ने कहा कि शिक्षा निदेशालय ने फीस वसूली के जो नियम बनाए हैं, उसे भी निजी वि.वि. मान नहीं रहे हैं। विभाग ने छात्रों से लेट फीस पर फाइन लेने के नियम बनाए हैं। इसके अनुसार यदि छात्र 15 दिन लेट फीस देता है तो उसे फीस पर 0.5 प्रतिशत अधिक राशि फाइन में देनी होगी और वह 30 दिन लेट होता है तो उसे 1 प्रतिशत का फाइन देना होगा लेकिन निजी वि.वि. इन नियमों को ताक पर रख कर छात्रों से 18 प्रतिशत फाइन ले रहे हैं जो सरासर गलत है। ए.बी.वी.पी. का आरोप है कि प्रदेश में निजी वि.वि. के प्रोस्पैक्टस की कीमत भी हजारों में है। जहां प्रदेश वि.वि. व  सैंट्रल यूनिवॢसटी के प्रोस्पैक्टस केवल 500 से कम कीमत पर मिल रहे हैं, वहीं हिमाचल के निजी वि.वि. उसे 2 हजार से अधिक में बेच रहे हैं और सरकार इस पर मूक दर्शक बनी हुई है।

वि.वि. प्रशासन को चेताया, मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन
उधर, ए.बी.वी.पी. ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 4 दिन के भीतर मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में छात्र संगठन उग्र आंदोलन करेगा। शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर ए.बी.वी.पी. ने कुलपति कार्यालय के बाहर धरना दिया। इस दौरान ए.बी.वी.पी. ने वि.वि. प्रशासन से सभी मांगों को पूरा करने की मांग की। अपने संबोधन में इकाई सचिव प्रदीप शर्मा ने कहा है कि आज वि.वि. में शैक्षणिक अराजकता का माहौल है। वि.वि. प्रशासन 7 महीनों में पीएच.डी की प्रवेश परीक्षा नहीं करवा पाया है। इसके साथ ही बी.एच.एम. में 53 आवेदन आने पर भी वि.वि. कोर्स शुरू नहीं करवा पाया। ए.बी.वी.पी. ने आरोप लगाया कि वि.वि. में अवैध तरीके से भॢतयां करवाई जा रही हैं। 4 साल हो गए वि.वि. में अभी तक वाई-फाई की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हुई है। 


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