सरकारी और निजी स्कूलों के साढ़े सात लाख शिक्षक प्रशिक्षित नहीं :जावडेकर

Saturday, Jul 22, 2017 - 11:26 AM (IST)

नई दिल्ली  : केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा कि देश में सर्वशिक्षा अभियान के विस्तार के इरादे से लाऐ गए निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा कानून का मूल उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा को निशुल्क ही नहीं बल्कि गुणवत्ता युक्त बनाना भी है इसलिए सभी स्कूलों के अप्रशिक्षित शिक्षकों को 201 तक प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य बनाया जा रहा है।  निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2017 लोकसभा में विचार के लिए पेश करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि देश में इस समय प्राथमिक स्तर के सरकारी और निजी स्कूलों के साढ़े सात लाख शिक्षक प्रशिक्षित नहीं हैं। इन्हें प्रशिक्षण हासिल करने के लिए पहले 31 मार्च 2015 तक का समय दिया गया था। लेकिन कुछ राज्यों की ओर से रियायत मांगे जाने पर यह अवधि बढाकर 2019 की जा रही है, इसके आगे कोई रियायत नहीं होगी। प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण इस सात अगस्त में करा लेना होगा। अन्यथा ऐसे शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ेगी।  मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा शुरु किए गए पोर्टल‘स्वंयं’और डीटीएच चैनल की ओर से दूरस्थ शिक्षा की जो व्यवस्था की गई है उसमें शिक्षकों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी मौजूद हैं। अप्रशिक्षित शिक्षक इसका लाभ ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण की अनिवार्यता के संबध में सभी से सुझाव आमंत्रित है।

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