प्राइमरी शिक्षक भर्ती: जातिसूचक सवाल पूछने फंसा DSSSB

Monday, Oct 15, 2018 - 10:41 AM (IST)

नई दिल्ली : प्राइमरी शिक्षक के लिए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) द्वारा आयोजित परीक्षा के हिन्दी भाषा और बोध अनुभाग के एक प्रश्न में आए जातिसूचक शब्द पर विवाद हो गया है। 


रविवार को दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बोर्ड से जवाब मांगा है। उन्होंने पूछा क्या यह सच है कि प्रश्न पत्र में किसी जाति विशेष और समुदाय को लेकर सवाल किए हैं? यदि हां तो इसका क्या तात्पर्य है? ये बेहद गंभीर मसला है, जो कि उचित नहीं है। बोर्ड के पास विकल्प था कि परीक्षा में हिंदी साहित्य के वाल्मिकी, तुलसी, सूर, कबीर, रविदास दिनकर, मैथिलीशरण व निराला आदि से संबंधित सवाल पूछते। जाति आधारित सवाल पूछकर बोर्ड ने अपनी, भारतीय संविधान, हिन्दी व देश की संस्कृति की गरिमा को चोट पहुंचाई है। मंत्री ने कहा कि सर्विस डिपार्टमेंट अभी उपराज्यपाल के अधीन है और इसी डिपार्टमेंट के बोर्ड ने सवाल पूछे हैं। 

सोमवार को मुख्य सचिव से मिलकर बात करूंगा कि इस पर संज्ञान लें और इसकी अंतरिम जांच हो कि आखिर ऐसा किसके इशारे पर हुआ, उन पर मुकदमा दर्ज किया जाए। जिन शिक्षकों पर बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव डालने की जिम्मेदारी होती है, अगर उसकी प्रतियोगिता परीक्षा में इस तरह का सवाल पूछा जा रहे हों तो आने वाले समय में शिक्षक भी तो इसी तरह के पाठ पढ़ाएंगे।

pooja

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