छात्रों के विपरीत दिशा में विस्थापन की बात कही राष्ट्रपति ने

Tuesday, May 02, 2017 - 04:50 PM (IST)

फगवाड़ा : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि अब भी बड़ी संख्या में छात्र उच्च अध्ययन के लिए विदेश जाते हैं और विद्यार्थियों के इस विस्थापन की दिशा मोडऩेे के प्रयास होने चाहिए।  यहां एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि कई विद्यार्थी उच्च अध्ययन के लिए ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जाते हैं।  उन्होंने कहा, ‘‘मेरा सुझाव है कि यह प्रवाह विपरीत दिशा में होना चाहिए।’’  मुखर्जी ने कहा कि भारत ने सदियों तक उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका निभाई है और इसे फिर से पाने के लिए प्रयास होने चाहिए। लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की विविधता हमारी सभ्यता और इतिहास का परिणाम है।  उन्होंने छात्रों से प्रगति और शांति की दिशा में काम करने की अपील की।  इस मौके पर पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनोरे ने छात्रों से उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने और अच्छा काम करने का आह्वान किया।  एलपीयू के चांसलर अशोक कुमार मित्तल ने राष्ट्रपति को मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया।  राष्ट्रपति ने इस मौके पर 38 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया।

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