यहां 4 सालों में भी नहीं खुला सरकारी विद्यालय

Monday, Mar 11, 2019 - 12:46 PM (IST)

नई दिल्ली (पुष्पेंद्र मिश्र): प्रेम नगर-3 किराड़ी में घनी बसावट होने के बावजूद सरकारी स्कूल न होने के कारण सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट में हमारा प्रयास सामाजिक उत्थान एनजीओ द्वारा वकील व आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल व कुमार उत्कर्ष के सहयोग से दिल्ली सरकार के खिलाफ एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें कई मर्तबा हुई सुनवाई में कहा गया है कि प्रेम नगर -3 किराड़ी में नर्सरी से लेकर कक्षा 12 तक  के एक सरकारी स्कूल की आवश्यकता है। 

स्थानीय निवासी ऐसे एक स्कूल की मांग साल 2015 से लगातार कर रहे हैं। जिसके अंतर्गत कई लोगों ने दिल्ली सरकार शिक्षा निदेशालय और राज्यपाल व शिक्षा मंत्री के घरों के बाहर धरना भी दिया। पर सरकार अमुक इलाके में एक अदद सरकारी स्कूल खोलने में नाकाम रही। जबकि इलाके में डीडीए की जमीन भी स्कूल खोलने के लिए उपलब्ध है। प्रेम नगर किराड़ी के बच्चों को शिक्षा के लिए मुंडका, नांगलोई और पश्चिम विहार जाना पड़ता है। मुंडका, नांगलोई और पश्चिम विहार के स्कूलों में जाने के लिए कई बच्चों की रेलवे लाइन क्रॉस करते समय जान भी जा चुकी है। जिसके लिए 2017 में शिक्षा निदेशालय, नॉर्थ वेस्ट के डिप्टी कमिश्नर को एनजीओ द्वारा किराड़ी या प्रताप विहार इलाके में 4000 स्क्वायर मी. या इससे अधिक जमीन एलॉट करने की मांग की गई थी। लेकिन सरकार व नगर निगम दोनों ही अब तक इस मामले में उदासीन हैं। आल इंडिया पैरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल कहते हैं कि बीते सालों में सैकड़ों हादसे रेलवे लाइन पर बच्चों के साथ हुए हैं। स्थानीय लोग अपने बच्चों को नांगलोई, मुंडका और पश्चिम विहार जैसे इलाके में भेजने से घबराते हैं क्योंकि बच्चों को रेलवे लाइन पार करके जाना पड़ेगा। 

इसलिए सरकार से किराड़ी में ही एक सरकारी स्कूल खोलने की मांग बीते 5 सालों से कर रहे हैं। लेकिन प्रशासन और दिल्ली सरकार एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं। डीडीए की जमीन खाली पड़ी है लेकिन स्कूल के लिए एलॉट नहीं की जा रही। 

pooja

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