लेखन कला को निखारने के लिए PM मोदी की पहल, ‘दिलचस्प अवसर’ पैदा करने वाली योजना साझा की

Wednesday, Jun 09, 2021 - 04:43 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बताया कि भारतीय विरासत, संस्कृति एवं ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए 30 साल से कम आयु के लेखकों का समूह बनाने के मकसद से एक योजना शुरू की गई है, जो युवाओं के लिए ‘‘दिलचस्प अवसर’’ पैदा करती है, ताकि वे अपनी लेखन कला को निखार सकें और राष्ट्र के बौद्धिक संवाद में योगदान दे सकें।

ट्विटर पर साझा किया कार्यक्रम
मोदी ने कार्यक्रम की जानकारी संबंधी लिंक ट्विटर पर साझा किया। लिंक में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 युवाओं को सशक्त बनाने और भविष्य में नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए युवाओं को तैयार करने के मकसद से एक पारिस्थितिकी तंत्र पैदा करने पर जोर देती है।  इसमें कहा गया है, ‘‘इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए और भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर यह राष्ट्रीय योजना ‘युवा: प्राइम मिनिस्टर्स स्कीम फॉर मेंटरिंग यंग ऑथर्स’ (युवा: युवा लेखकों के मार्गदर्शन के लिए प्रधानमंत्री योजना) इन नेताओं के कल की नींव रखने में अहम भूमिका निभाएगी।’’

इस योजना के तहत 30 साल से कम आयु के उन लेखकों का समूह बनाया जाएगा, जो स्वयं को अभिव्यक्त करने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को पेश करने के लिए तैयार हैं। लिंक में कहा गया है कि इससे भारतीय संस्कृति एवं साहित्य को वैश्विक स्तर पर पेश करने में मदद मिलेगी।

देश पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर
इसमें कहा गया है, ‘‘देश स्वतंत्रता के 75 साल की ओर अग्रसर है, ऐसे में यह योजना भारतीय साहित्य के आधुनिक राजदूतों को तैयार करने की कल्पना करती है। हमारा देश पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में तीसरे स्थान पर है और स्वदेशी साहित्य के इस खजाने को और बढ़ावा देने के लिए यह जरूरी है कि इसे वैश्विक स्तर पर पेश किया जाए।’’ शिक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाला राष्ट्रीय पुस्तक न्यास चरणबद्ध तरीके से इस योजना को लागू करेगा। अखिल भारतीय प्रतियोगिता के जरिए कुल 75 लेखकों का चयन किया जाएगा।

इन लेखकों को मिलेगी मदद
लिंक में बताया गया है, ‘‘यह योजना न केवल उन लेखकों को तैयार करने में मदद करेगी जो भारतीय विरासत, संस्कृति और ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए कई विषयों पर लिख सकते हैं, बल्कि यह आकांक्षी युवाओं को अपनी मातृभाषा में खुद को व्यक्त करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का भी अवसर देगी।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री के ‘वैश्विक नागरिक और विश्व गुरु के रूप में भारत की स्थापना’ के दृष्टिकोण के अनुरूप होगा।

rajesh kumar

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