विश्विद्यालय में पढ़ाने के लिए PhD करना होगा अनिवार्य !

Wednesday, May 02, 2018 - 06:09 PM (IST)

नई दिल्ली :  कॉलेज में प्रोफेसर बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए 2021 से टीचर बनने के लिए पीएचडी करना अनिवार्य हो जाएगा। इसके अलावा  2021 के बाद बगैर पीएचडी वाले आवेदक असिस्टेंट प्रोफेसर भी नहीं बन सकेंगे।  साथ ही शिक्षकों को पहले इंडक्शन प्रोग्राम भी पूरा करना होगा। यूजीसी शिक्षा के गिरते स्तर को सुधारने के लिए शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता आवश्यकता पर नए नियम तैयार किए हैं।साथ ही शिक्षकों को सामुदायिक विकास और एक्सट्रा एक्टिविटी को लेकर छात्रों के परामर्श के लिए दो घंटे समर्पित करना होगा।  मानव संसाधन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी सहायक प्रोफेसर के लिए न्यूनतम पात्रता नेट उत्तीर्ण करना है, लेकिन अब इसमें बदलाव किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीएचडी के अलावा उम्मीदवारों को राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा या राज्य स्तरीय पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। 

मीडिया रिपोर्टस के यूजीसी जल्द ही शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता तय कर सकता है। कहा जा रहा है कि टीचर और प्रोफेसर के लिए न्यूनतम शिक्षा का प्रावधान करने से शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। साथ ही 1 जुलाई 2021 के बाद एसोसिएट प्रोफेसर का प्रमोशन भी पीएचडी के आधार पर ही किया जाएगा। वहीं 2009 से पहले पीएचडी करने वाले उम्मीदवारों को नेट करने की आवश्यकता नहीं है जबकि अन्य उम्मीदवारों को नेट पास करना आवश्यक है।  

नहीं मिलेगी पीएचडी के लिए स्टडी लीव 
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए  नए नियम तैयार किए हैं। मसौदे के नियमों के मुताबिक, यूजीसी ने एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति मांगने वाले उम्मीदवारों के लिए पीएचडी अनिवार्य कर दिया है, इसके अलावा, इसने सीधे शिक्षण भर्ती के लिए पोस्ट ग्रैजुएट स्तर पर 55 प्रतिशत अंकों की न्यूनतम आवश्यकता भी बनाई है। इसके अलावा पीएचडी के लिए कोई स्टडी लीव नहीं मिलेगी और सहयोगी प्रोफेसर के रुप में प्रमोशन के लिए भी पीएचडी करनी  अनिवार्य होगी । 

bharti

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