विदेशी भाषाएं नहीं होंगी स्कूलों में त्रिभाषी फार्मूले का हिस्सा

Sunday, Oct 08, 2017 - 03:17 PM (IST)

नई दिल्ली : स्कूलों में अगले शैक्षणिक सत्र से त्रिभाषी फार्मूले में जर्मन और फ्रेंच जैसी विदेशी भाषाएं शामिल नहीं होंगी। माना जाता है कि मानव संसाधान विकास मंत्रालय ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कहा है कि विदेशी भाषा पढऩे के इच्छुक छात्रों को इसे चौथी या पांचवीं भाषा के विषय के रूप में विकल्प चुनना चाहिए। एक सूत्र ने कहा, ‘‘संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं को त्रिभाषी फार्मूले के तहत पढ़ाया जाना चाहिए, जबकि शुद्ध रूप से विदेशी भाषाओं को चौथी भाषा के तौर पर पढ़ाया जाना चाहिए।’’ उसने कहा, ‘‘सीबीएसई के साथ विचार-विमर्श किया जा रहा है और अगले शैक्षणिक सत्र से बदलाव क्रियान्वित किये जाएंगे।’’ राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रिभाषी फार्मूले का मतलब यह है कि हिंदीभाषी राज्यों के छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी के अलावा एक आधुनिक भारतीय भाषा सीखनी चाहिए। बहरहाल, 18,000 मान्यता प्राप्त संस्थान छात्रों को मातृभाषा या हिंदी , अंग्रेजी और जर्मन एवं मंदारियन जैसी एक विदेशी भाषा आठवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं। पिछले साल दिसंबर में सीबीएसई ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को त्रिभाषी फार्मूले का प्रस्ताव भेजा था।

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