भाषाओं पर संकट : अगले 50 सालों में आधी से अधिक भाषाएं हो जाएंगी खत्म

punjabkesari.in Saturday, Aug 05, 2017 - 11:36 AM (IST)

नई दिल्ली : वैसे तो हमारे भारत में आज लगभग कई प्रकार की भाषाएं बोली जाती है। जैसे-जैसे जिले, शहर और राज्य बदलते है भाषाएं भी बदलने लगती है। लेकिन एक सर्वे के मुताबिक अगले 50 सालों में भारत में 1.3 बिलियन लोगों द्वारा बोली जा रहीं भाषाओं में आधे से अधिक भाषाएं लुप्‍त हो जाएंगी। ये सर्वे People's Linguistic Survey of India (PSLI) ने किया है. इसमें देश में बोली जाने वाली भाषाओं से संबंधित तथ्‍य सामने रखे गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय 780 विभिन्‍न भाषाएं बोलते हैं। पीएसएलआई के चेयरमैन जीएन डेवी ने कहा, 'अगले 50 सालों में करीबन 400 भाषाएं लुप्‍त हो सकती हैं यानी उनका वजूद खत्‍म हो जाने की आशंका है'. उन्‍होंने ये भी कहा कि जब कोई भाषा खत्‍म होती है तो उसके साथ कल्‍चर की भी मौत होती है. भारत में पिछले पांच दशकों में 250 भाषाएं समाप्‍त हो चुकी हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि कैसे किस इसे बचाया जा सकता है.

भाषाओं को है ज्‍यादा खतरा
दरअसल, रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्‍यादा खतरा उन भाषाओं को है जो ट्राइबल समुदायों से जुड़ी हैं। उनके बच्‍चे जब स्‍कूल जाते हैं तो उन्‍हें भारत की मान्‍य 22 भाषाओं में से ही किसी एक या दो भाषाओं को पढ़ाया जाता है। 


 


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