बदहाल शिक्षा व्यवस्था के चलते 100 से अधिक छात्राओं ने छोड़ी पढ़ाई

Monday, May 07, 2018 - 02:17 PM (IST)

जगदलपुर: छत्तीसगढ के बस्तर जिले के अंदरूनी ग्रामीण अंचलों में बालिका शिक्षा योजना का हाल बेहाल है। इसका एक ताजा उदाहरण गुमलवाडा ग्राम पंचायत में देखने को मिला। जहां अधिकांश बालिकाएं आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर घर में बैठ गयी हैं। इसकी वजह गांव में हाई स्कूल का नहीं होना तथा घने जंगल तथा कच्ची सड़क बतायी जा रही है। 

बालिकाएं अपने गांव से सात किलोमीटर दूर ग्राम तिरिया जाने में सक्षम नहीं है। यही कारण है कि ग्राम गुमलवाड़ा के हर परिवार की बालिकाएं 8वीं पढऩे के बाद घर बैठ जाती है। यहां की बेटियां पढऩा तो चाहती हैं, पर उनका यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। यहा न तो प्रशासन की पहुंच है और ना ही शिक्षा विभाग को इसकी खबर है। नगरनार थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत गुमलवाड़ा ग्राम तिरिया से सात किलोमीटर दूर है। इस गांव में लगभग 1500 की आबादी है। 

तीन पारे में लगभग 100 घर हैं। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल ही इस गांव में है, जो बच्चे हाई स्कूल जाना चाहते हैं। उन्हें सात किलो मीटर दूर तिरिया या नानगुर जाना पड़ता है। तिरिया जाने के लिए घने जंगल व कच्ची सड़क है आवागमन की कोई सुविधा नहीं है। पढ़ाई छोड़ चुकी दयमती, दीनाय, रायबाली ने बताया कि गांव में हाई स्कूल नहीं होने के कारण वे गांव से सात किलो मीलटर दूर तिरिया नहीं जा पाती। क्योंकि बीच रास्ते में घरे जंगल और सड़क की भी सुविधा नहीं है। उन्होने बताया कि कुछ खेतों में काम करती हैं, तो कुछ घर में ही रहती हैं। सभी बालिकाओं ने पढऩे की इच्छा जताई है। कक्षा 6वीं व 7वीं पढऩे वाली स्कूली छात्राओं में मानवती, आसमती, तुलावती, लछन देई ने बताया कि वे अभी स्कूल जा रही है, परन्तु 9वीं कक्षा की पढ़ाई करने उन्हें गांव के बाहर जाना होगा। इस हेतु कोई सुविधा नहीं है। बरसात के दिनों में तो स्कूल जाने की कल्पना ही नहीं की जा सकती। बच्चों के माता- पिता ने कहा कि हम बेटियों को पढ़ाना चाहते हैं। 

pooja

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