बुक एग्जाम को मंजूरी,किताब देखकर एग्जाम दे पाएंगे इंजिनियरिंग स्टूडेंट्स

Monday, Nov 26, 2018 - 10:10 AM (IST)

नई दिल्लीः अगले साल से इंजिनियरिंग स्टूडेंट्स अपने नोट्स और स्टडी मटीरियल देखकर एग्जाम दे सकेंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने ओपन बुक एग्जाम को मंजूरी दे दी है। यह एआईसीटीई की नई परीक्षा नीति का अहम हिस्सा है। 

ओपन बुक एग्जाम से छात्रों को रट्टा लगाने से आजादी मिलेगी। इससे प्रश्नपत्र का स्वरूप भी बदल जाएगा। विषय की समझ और व्यावहारिक ज्ञान के जरिए ही ओपन बुक एग्जाम में सफलता पाई जा सकेगी। नई नीति के मुताबिक तीन स्तर पर नंबर दिए जाएंगे। बीटेक, एमटेक, एमबीए प्रोग्राम में 36 पर्सेंट सवालों के जवाब समझ के आधार पर देने होंगे। 46 फीसदी सवाल व्यावहारिक ज्ञान पर आधारित होंगे। 18 पर्सेंट सवाल मूल्यांकन और विश्लेषण पर आधारित होंगे। तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने के लिए शेट्टार कमिटी ने परीक्षा सुधार पर जोर दिया था। 

आपको बता दें कि ओपन बुक सिस्टम के प्रस्ताव वाली रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था, ओपन बुक सिस्टम का प्रस्ताव इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि परीक्षा के पारंपरिक तरीके में छात्र रट्टा मारने के लिए मजबूर होते हैं। यह एआईसीटीई की सिस्टम में सुधार की कोशिश का हिस्सा है जिसके तहत हाल ही में पाठ्यक्रम में भी बदलाव किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के इंजिनियरिंग एजुकेशन सिस्टम में परीक्षाओं और क्वेस्चन पेपर्स की शैक्षिक गुणवत्ता काफी समय से चिंता का विषय रही है। 

कमिटी का मानना था कि ओपन बुक सिस्टम से खासतौर पर ऐप्लिकेशन, अनैलिसिस और इवैल्युएशन में स्टूडेंट्स की स्किल्स का परीक्षण करने में काफी मदद मिलेगी। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'ओपन बुक एग्जामिनेशन भी लिखित परीक्षा की तरह ही है लेकिन इसमें छात्रों को अपने साथ क्लास नोट्स, टेक्स्टबुक्स या अन्य स्टडी मटीरियल ले जाने की अनुमति होगी। इससे उन पर रटने का दबाव नहीं रहेगा और वे तनावमुक्त रहेंगे। इससे समस्या को हल करने और सोचने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।' 
 
 

 

 

 
 

Sonia Goswami

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