जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए खुशखबरी, एक हजार युवाओं को दुबई में मिलेगा रोजगार

punjabkesari.in Thursday, Dec 10, 2020 - 03:08 PM (IST)

एजुकेशन डेस्क: कोरोना महामारी की वजह से देश में लाखों की तदाद में लोगो को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से जूझ रही है। इसी बीच जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए अच्छी खबर है। दरअसल दुबई में चल रहे भारत खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2020 के दौरान जम्मू-कश्मीर के करीब 1000 युवाओं को रोजगार मिलने जा रहा है। कश्मीर के हॉर्टिकल्चर (उद्यान)विभाग के निदेशक एजाज अहमद भट्ट ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। बता दें कि दुबई में भारत खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर के किसानों व्यापारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा हुआ है।

दुबई में 1000 युवाओं के लिए नौकरी 
एजाज अहमद भट्ट ने अपने ट्विटर के जरिए ट्वीट कर लिखा कि, सम्मेलन में शामिल होने के लिए दुबई पहुंचे जम्मू-कश्मीर के प्रतिनिधिमंडल के अनुरोध पर दुबई में 1000 युवाओं के लिए नौकरी प्रदान करने के लिए सहमत हुए हैं। दुबई हमारा साझेदार देश है। कॉन्सुलेट जनरल डॉ. अमन पुरी हमेशा विकास के क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर का समर्थन करने में सहायक रहे हैं। चाहें वह खाद्य क्षेत्र हो अथवा फलों का मामला। 

जम्मू-कश्मीर ने जीआई टैग के साथ यूएई के बाजार में कश्मीरी केसर उतारा
जम्मू-कश्मीर सरकार ने हाल में भौगोलिक संकेत टैग पाने वाले कश्मीरी केसर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाजार में उतारा है, ताकि पश्चिम एशिया में इसे बढ़ावा मिल सके। भौगोलिक संकेत (जीआई) एक चिन्ह है, जिसका उपयोग उन उत्पादों पर किया जाता है, जो एक खास भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न होते हैं और इस मूल कारण के चलते उनमें कुछ विशिष्ट गुण होते हैं। कश्मीर में पैदा होने वाले केसर को जुलाई में जीआई टैग दिया गया था, जिसका उद्देश्य घाटी के ब्रांड को वैश्विक स्तर पर लाना है।

पहली बार कश्मीरी केसर यूएई के बाजार में पेश
जम्मू-कश्मीर के प्रधान सचिव (कृषि) नवीन के चौधरी ने मंगलवार को यूएई-भारत खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2020 में कश्मीरी केसर की पेशकश की। चौधरी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि पहली बार कश्मीरी केसर को यूएई के बाजार में पेश किया गया है।' कश्मीरी केसर, जिसे उर्दू में 'जाफरान' भी कहा जाता है, कई औषधीय फायदों के साथ एक मसाले के रूप में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। यह जम्मू-कश्मीर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व भी करता है। चौधरी ने कहा कि जीआई प्रमाण पत्र मिलने के बाद पहली बार कश्मीरी केसर का निर्यात किया गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इसका निर्यात दुबई और यूएई के दूसरे शहरों में और बढ़ेगा।' 


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rajesh kumar

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