नर्सरी में प्रवेश को लेकर एकल न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ अपील

Saturday, Feb 18, 2017 - 09:54 AM (IST)

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने नजदीक के स्कूल के मानदंड पर आधारित नर्सरी में प्रवेश के नए नियमों पर उसके आदेश पर एकल न्यायाधीश के रोक लगाने के अंतरिम आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ से आज अपील की।  दिल्ली सरकार की इस अपील पर जल्द ही सुनवाई किए जाने की संभावना है। दिल्ली सरकार ने दलील दी कि पड़ोस के मानक के अभाव में स्कूल मनमाने और अस्पष्ट ढंग से बच्चों का प्रवेश लेंगे और इन बच्चों के माता-पिता से मनमाना फीस वसूलने को भी न्यायोचित ठहराएंगे।

दिल्ली सरकार ने 1 दिसंबर, 2016 और 7 जनवरी, 2017 को दो निर्देशों में दिल्ली विकास प्राधिकरण की जमीन पर बने 28 निजी स्कूलों के लिए यह अनिवार्य कर दिया था कि ये स्कूल उन्हीं बच्चों का नर्सरी में प्रवेश लेंगे जो पास-पड़ोस के हैं और स्कूल से एक निश्चित दूरी के भीतर रहते हैं।  इस आदेश को दरकिनार करने की मांग करते हुए सरकार ने कहा कि एकल न्यायाधीश द्वारा पारित इस अंतरिम स्थगन आदेश को बनाए रखना ‘पूरी तरह से गलत’, ‘भूलयुक्त’ और ‘कानून के खिलाफ’ है। एकल न्यायधीश ने कहा था कि ‘‘एक विद्यार्थी के शैक्षणिक भाग्य को एक नक्शे पर केवल उसकी स्थिति को देखते हुए नहीं पलटा जा सकता।’’

इस मानक को ‘मनमाना और भेदभावपूर्ण’ करार देते हुए न्यायधीश मनमोहन ने कहा था कि इससे केवल उन्हीं बच्चों के मां-बाप लाभान्वित होंगे जो अच्छे निजी स्कूलों के करीब रहते हैं।  सरकार ने कहा, ‘‘ स्कूलों को खुद से अपने दिशानिर्देश बनाने की छूट देने से निजी प्रबंधनकों की मनमानी को ही बढ़ावा मिलेगा।’’ एकल न्यायधीश ने कहा था कि दिल्ली सरकार की 7 जनवरी की अधिसूचना पर अंतरिम रोक, सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला आने तक प्रभावी रहेगी। दिल्ली सरकार ने इस अधिसूचना में सरकारी सहायता नहीं लेने वाले निजी स्कूलों को नर्सरी प्रवेश फार्म पड़ोस या दूसरी के आधार पर स्वीकार करने का आदेश दिया था।

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