नर्सरी दाखिला: निजी स्कूलों में दाखिले की राह कठिन

Friday, Jan 04, 2019 - 01:27 PM (IST)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के लगभग 1700 निजी स्कूलों में अपर एज लिमिट तय होने के बाद दाखिला लेने वालों की राह मुश्किल हो गई है। क्योंकि ज्यादातर स्कूल केजी के लिए नर्सरी दाखिले की गाइडलाइन्स नहीं मानते हैं। इसके अलावा केजी में दाखिले के लिए 31 मार्च 2019 तक बच्चे की आयु 4-5 के बीच होनी जरूरी है। इस कारण कई बच्चे इस क्राइटेरिया में फिट न बैठने पर अधिक उम्र वाली कक्षा एक और कम उम्र वाले नर्सरी के लिए अप्लाई कर रहे हैं।

बता दें कि दिल्ली के चुनिंदा स्कूलों में ही केजी के दाखिले होते हैं, जिनमें से कई स्कूल अल्पसंख्यक स्कूलों की श्रेणी में आते हैं। इन स्कूलों की 50 फीसदी सीटें अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आरक्षित होती हैं। वहीं कई स्कूलों में जहां नर्सरी और केजी दोनों हैं। वहां नर्सरी वाले ही प्रमोट होकर केजी में आते हैं। 

एजुकेशन एक्सपर्ट नर्सरी एडमिशन डॉट कॉम के संस्थापक सुमित वोहरा ने बताया कि कई अभिभावकों ने पिछले साल मार्च में पैदा हुए बच्चों का दाखिला नर्सरी में इसलिए नहीं कराया था क्योंकि बच्चा छोटा है। अगले साल केजी में दाखिला ले लेंगे और इस साल अधिकतम आयु सीमा तय कर दी गई। जिससे न तो  बच्चे नर्सरी में दाखिल हो पाए और नहीं अब केजी में दाखिल होने योग्य रहे। उन्होंने बताया कि बेहद कम स्कूल हैं, जहां केजी प्रवेश स्तर की कक्षा है ज्यादातर स्कूलों में नर्सरी ही प्रवेश की पहली कक्षा है। इसलिए इस वर्ष अभिभावकों के लिए केजी में दाखिले के लिए परेशानी बनी हुई है। कई स्कूल केजी के लिए शिक्षा निदेशालय की गाइडलाइन को नहीं मानते हैं। निदेशालय को चाहिए कि केजी के लिए मानक व सीटों की संख्या हर साल मंगवाए। स्कूलों को केजी में प्रवेश के लिए भी निदेशालय को दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।
 

pooja

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